लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में संविदा कर्मचारियों से निर्धारित समय से ज्यादा घंटे काम लिया जा रहा है। एजेंसी अपनी मर्जी से कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर लेती हैं। शिकायत करने पर नौकरी से हटा देती है। एजेंसी और अधिकारी लगातार संविदा कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। इसकी श्रम आयुक्त से शिकायत की गयी है।
संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रितेश मल्ल का आरोप है कि अब तक दो संविदा कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं। एजेंसी और अधिकारी साठगांठ कर मनमर्जी से वेतन कटौती कर रहे हैं। कर्मचारियों की अनाप शनाप ड्यूटी लगाई जा रही है। बीते दिनों जब संविदा कर्मचारियों के हक के लिए धरना प्रदर्शन किया। तब अधिकारियों ने मांग पूरी करने का आश्वासन दिया। दो माह से ज्यादा का वक्त बीत गया अभी तक न तो कर्मचारियों की समय पर तनख्वाह आ रही है न ही दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
बुधवार को संविदा कर्मचारी संघ ने अपर श्रमायुक्त को भेजे गये पत्र में संघ के अध्यक्ष रितेश मल्ल ने पत्र में लिखा है कि संस्थान में मई 2023 में एजेंसी का चयन हुआ। इसके तहत लगभग 200 सुरक्षाकर्मियों का ठेका मिला था। सेवा प्रदाता फर्म कर्मचारियों के वेतन से पहले कई माह तक 800 से 1500 रुपये की कटौती की।
कर्मचारी जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की तो उसने कर्मचारियों को निकलाने की धमकी दी। सेवा प्रदाता फर्म हर माह एक से डेढ़ लाख रुपए की कटौती सभी कर्मचारियों के वेतन से कर रही है। इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मार्च 2024 के वेतन में कुल 200 कर्मचारियों का 600 रुपए वेतन काटा गया है। इस प्रकार कुल लगभग एक लाख 20 हजार रुपये की कटौती हुई है। इसके पहले होली पर पूरा वेतन आया था। इसके अलावा कर्मचारियों की गलती पाए जाने पर भी पैसा अलग से काटा गया। संस्थान प्रशासन मामले में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है।