लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने मरीजों की चिकित्सा की विशेष सुविधा के लिए विभिन्न विभागों की अलग विशिष्ट क्लीनिक शुरू की थी, लेकिन जागरूकता के अभाव में ज्यादातर विशिष्ट क्लीनिकों में बहुत कम संख्या में मरीज पहुंच रहे है। विभागों में मरीजों की ज्यादा संख्या होने पर अलग कुछ बीमारियों की अलग विशिष्ट ओपीडी शुरू की गयी हैं, ताकि मरीजों को आसानी से इलाज मिल सके। वहीं मेडिसिन व स्त्री रोग विभागों की ओपीडी मरीजों की भीड़ बनी रहती है।
केजीएमयू के विभिन्न विभागों में लगभग तीस से ज्यादा विशिष्ट ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। ताकि मरीजों को भीड़ से अलग उच्चस्तरीय इलाज मुहैंया कराये जाए। कुछ क्लीनिक की ओपीडी में मरीज लगातार पहुंच रहे है, जब कि अन्य क्लीनिक के बारे में मरीजों को जानकारी बहुत कम है। इस समय केजीएमयू की विभिन्न ओपीडी में रोजाना करीब सात हजार मरीज देखे जाते हैं।
मरीजों को भर्ती करने के लिए इस समय करीब साढ़े चार हजार बेड हैं। केजीएमयू प्रशासन ने विशिष्ट ओपीडी के तहत इंटरवेंशन, रेडियोलॉजी ,एपिलेप्सी, हेडेक, मूवमेंट डिसॉर्डर, डिमेंशिया, ट्रांसवैजिनल ,कनेक्टिव टिश्यू डिजीज, पिगमेंट्री ,लेप्रोसी, ऑटोइम्यून, डर्मा (त्वचा), शुरू की थी। इनमें डर्मा क्लीनिक में मरीज लगातार आ रहे है। मेडिसिन विभाग व स्त्री रोग विभाग की क्लीनिक में भी मरीज लगातार पहुंच रहे है, लेकिन देखा जाए तो अन्य विभागों की विशिष्ट क्लीनिक में बहुत कम मरीज ही पहुंच रहे है। बताया जाता है कि केजीएमयू प्रशासन ने विशिष्ट क्लीनिक शुरू तो कर दी, लेकिन मरीजों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच पायी।
केजीएमयू प्रशासन का कहना है जिन विशिष्ट क्लीनिक की ओपीडी में मरीज पहुंच नहीं पा रहे है। उसकी जानकारी सभी लोग तक पहुंचे इसके प्रयास व जागरूकता की जा रही है।