बर्गर नहीं बच्चों को वेजिटेबल के लिए करें जागरूक

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*21 मई को मनाया जाता है ज्यादा फल और सब्जियां खाने का दिवस*
*बच्चों को वैजिटेबल चाइल्ड बनाये न की बर्गर चाइल्डः डॉ0 सूर्यकान्त*

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लखनऊ। हर साल 21 मई को हम सब अधिक फल और सब्जी खाने का दिवस मनाते है। यह दिन हमें हमारे दैनिक आहार में अधिक फल और सब्जियों को शामिल करने के महत्व को दर्शाता है।

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 सूर्यकान्त ने इस दिवस के महत्व का जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया- इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2015 में खराब खाने की आदतों से निपटने तथा एक पौष्टिक आहार को अपनाने की जागरुकता को बढावा देने तथा मोटापा व अन्य, जानलेवा बीमारियों से बचाने के उद्देश्य से की गई थी। अधिक से अधिक मौसमी फलों और सब्जियों को आहार में शामिल करने से हमें अनेकों स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

इनमें मौजूद पोषक तत्व जैसे विटामिन, मिनरलस, एंटीआक्सिडेन्ट्स, फाइबर तथा कई प्रकार की बीमारियों जैसे- डायबिटीज, हार्ट रोग, कब्ज, कैंसर समेत हमें कई प्रकार के रोगों से बचाने में मदद करते हैं।

यूँ तो दैनिक जीवन में हमें मौसमी फलों और हरी-सब्जियों को अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। परन्तु आज के परिवेश में जहाँ जंकफूड व अन्य पैक्ड फूड का चलन है वहाँ एक संतुलित आहार की थाली एक कल्पना मात्र ही रह गई है, जो कि बढती बीमारियों की एक अहम वजह है।

इसीलिए डॉ0 सूर्यकान्त ने वर्तमान समय में फास्ट फूड के बढते क्रेज और बच्चों में बढती बीमारियों को देखते हुए कहा कि अपने बच्चों को वैजिटेबल चाइल्ड बनाये न की बर्गर चाइल्ड। उन्होंने भगवान हनुमान जी का उदाहरण देते हुए बताया कि वे हमेशा कन्दमूल फल खाते थे और वह सबसे ज्यादा बलशाली थे।

भोजन में फलों और सब्जियों से पोषण सुरक्षा – मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करना अधिक आवश्यक होता है, इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल और फाइबर हमारे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है। ये हजारो बीमारियों से लड़ने वाले प्राकृतिक कणों से युक्त होती है जिन्हें फाइटो केमिकल कहते हैं, जो मिलजुल कर हमारे स्वास्थ्य को सुरक्षित करने का कार्य करती है।

अनेक बीमारियां जो कि पोषक तत्वों की कमी से होती हैं। वे फलो या सब्जियों के लगातार सेवन मात्र से ही ठीक हो जाती है। अलग-अलग रंगों कि सब्जियों और फल (नारंगी, पीला और लाल) सभी प्रकार की बीमारियों से लड़ने वाले फाइटोकैमिकल, कैरोटीन, लाइकोपीन, क्वेरसेटिन युक्त होती है जो स्वास्थ्य की रक्षा करती हैं। जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां हमें एनीमिया से लड़ने में मदद करता है, टमाटर में मौजूद लाइकोपीन कैंसर से बचाव करता है, चुकन्दर में मौजूद नाइट्रेट हृद्य रोग में लाभदायक होता है। फाइवर की उचित मात्रा होने के कारण यह मधुमेह को नियंत्रित करने में कारगर सिद्ध होता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन के अनुसार मधुमेह पर कन्ट्रोल पाने के लिए मौसमी फलों और सब्जियों का अधिक सेवन पर ध्यान केन्द्रित करना अति आवश्यक माना गया हैं। इसलिए सब्जियों एवं फलो को रक्षात्मक भोजन के नाम से भी जाना जाता है।

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में स्थित उत्तर प्रदेश के सरकारी संस्थानों में प्रथम पल्मोनरी पुनर्वास केन्द्र (पल्मोनरी रेहैबिलिटेशन सेन्टर) की डायटिशियन दिव्यानी गुप्ता ने बीमारियों के दौरान फल व सब्जियों के चुनाव के महत्व को बताया कि उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए निर्धारित खाद्य प्रणाली को डैश डाइट के नाम से जाना जाता है। इस प्रणाली में मरीज को प्रायः अधिक फल व सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। शोध के अनुसार मरीज को प्रायः सब्जियो व फल दिन में 4-5 बार खानपान में शामिल करना चाहिए।

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