होम्योपैथिक दवाओं के दाम, इतने प्रतिशत गये बढ़

0
337

लखनऊ । आयुष पद्धतियों के बढ़ावा देने के भले ही तमाम दावे किये जाते हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग नजर आ रही है। मरीज सवाल उठाते हैं कि जन आैषधि के नाम पर एलोपैथिक दवाइयों के दामों में कमी करके मरीजों को राहत देने का प्रयास किया जा रहा है तो वहीं विगत कुछ वर्षो में कई नामी होम्योपैथिक दवा कम्पनीयों द्वारा होम्योपैथिक दवाइयों के दामों में 20 प्रतिशत से वृद्धि की गयी है। मरीजों का कहना है कि दवाओं का दाम बढ़ने की बात कहकर डाक्टरों ने अपनी फीस भी बढ़ा दी है।

Advertisement

होम्योपैथिक चिकित्सा विकास महासंघ के राष्ट्रीय सचिव डा. दीपक सिंह ने बताया कि गरीबों की पैथी कही जाने वाली होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति अब अमीरों की बन चुकी है। सरकार द्वारा होम्योपैथिक दवा कम्पनियों पर यदि लगाम लगाने की जरूरत हैं। वरना होम्योपैथिक दवाइयों के दाम एलोपैथिक दवाइयों से भी ज्यादा हो जायेंगे क्योंकि होम्योपैथिक की कई नामी कम्पनी जैसे एसबीएल,डब्लूएसआई, रेक्वेक,भार्गव, हपडिको द्वारा बर्ष में कई बार जरु री दवाइयों के दाम बढ़ाये जा रहे है।

उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा महासंघ द्वारा चुनाव बाद उक्त मामले के संदर्भ में सरकार को ज्ञापन पत्र सौंपा जायेगा। वर्तमान में आँखों के ड्राप, थाइरोइड, सुगर,लिवर,आदि की होम्योपैथिक पेटेंट दवाइयों के दाम एलोपैथिक से ज्यादा है लागत की बात की जाये तो होम्योपैथिक दवाइयों को बनाने में खर्च भी काफी कम आता है। दवा कम्पनी के प्रतिनिधि दिनेश कुमार ने बताया कि दवाओं के दाम बढ़ाने से बिक्री पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। महंगाई का कारण जानने के लिए कम्पनी के अधिकारियों को मेल किया तो जवाब मिला, जिसके कई कारण बताए गये।

Previous articleडायबिटीज है, इतने वर्षों बाद इन अंगों की जांच अवश्य कराये, रहेंगे स्वस्थ
Next articleएक और फार्मासिस्ट की अचानक मौत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here