लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में लोकल पर्चेज दवाओं की आपूर्ति करने वाली कंपनी पर कार्रवाई करने तैयारी कर रहा है। बताया जाता है कि कंपनी तय समय पर दवा की आपूर्ति नहीं कर पा रही है। ऐसे में मरीजों को समय पर दवा नहीं मिल पा रही है।
। केजीएमयू की दवा खरीद से जुड़ी कमेटी ने फर्म को नोटिस जारी करने के साथ ही ब्लैक लिस्टेड करने की संस्तुति की है, ताकि फर्म नये टेंडर में भाग न ले सके। इसके बाद कम्पनी को नए टेंडर प्रक्रिया में शामिल नही किया जाएगा।
बताया जाता है कि केजीएमयू के तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारी दस साल से एक ही दवा कंपनी पर मेहरबान थे। बताया जाता है कि प्रत्येक वर्ष टेंडर में प्रिंट रेट से सबसे अधिक दवाओं पर छूट डालकर कंपनी टेंडर ले रही थी। कंपनी प्रिंट रेट से 48-50 प्रतिशत छूट देती थी। ऐसे में कंपनी को हमेशा दवा आपूर्ति का जिम्मेदारी मिल जाती थी। आरोप है कंपनी दवा आपूर्ति तय समय पर नहीं करती थी। लगातार शिकायतें आने बाद भी अधिकारी रफा दफा कर देते थे। केजीएमयू में दवा खरीद से जुड़ी नई कमेटी ने कंपनी से दवा लेने पर आपत्ति की है। कमेटी सदस्यों ने सुझाव दिया कि कंपनी दवाओं की आपूर्ति में काफी देरी से मरीजों को समय पर दवा नहीं मिल पाती थी। कमेटी सदस्यों ने टेंडर में अन्य दवा कम्पनी से दवा लिए जाने का फैसला लिया है। इससे पहले कंपनी को नोटिस जारी करके उसे ब्लैक लिस्टेड करने की संस्तुति कमेटी ने किया है।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है जून माह में एलपी दवा खरीद का नया टेंडर किया जाएगा। इसमें नयी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा, जिनके जरिए दवा की आपूर्ति की जाएगी। एलपी का नया टेंडर जून माह में किया जाएगा। दूसरी कंपनियों को टेंडर में रखा जाएगा।