परिश्रम के बिना सफलता कभी नहीं मिलती: राज्यपाल

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लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल व कुलाध्यक्ष श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विकसित भारत 2047 के निर्माण हेतु बच्चों के शिक्षा में ड्रॉप आउट रेट को रोकना, नियमित स्वास्थ्य की जांच तथा स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण आवश्यक है। राज्यपाल शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में सम्बोधित कर रही थी। उन्होनें कहा कि परिश्रम के बिना सफलता कभी नहीं मिलती। डाक्टरों से कहा कि वर्तमान समय में बीमारियों की रोकथाम के लिए सबसे प्रयास प्रीवेंटिव एक्शन में आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने स्वच्छ खानपान, स्वच्छ जीवन शैली, आस-पास के नालों की सफाई की आवश्यकता बतायी। राज्यपाल ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया।

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समारोह में राज्यपाल ने कुल 265 उपाधियों का वितरण किया। जिसमें स्नातक स्तर पर 77, परास्नातक स्तर पर 185 तथा शोध के लिए तीन शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की। समारोह में 150 छात्र व 115 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी। इसके साथ-साथ सबसे अधिक पेटेंट व सबसे अधिक रिसर्च ग्रांट हासिल करने हेतु अवार्ड तथा सव्य साची अवार्ड से डाक्टरों को नवाजा गया। समारोह में महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑॅॅफ हेल्थ साइंसेज नासिक, के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर को मानद उपाधि प्रदान की गई।

समारोह में राज्यपाल ने बच्चों के प्रति मां के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि यदि महिलाओं में गुणवत्ता, ज्ञान और कमिटमेंट है, तो उन्हें उचित अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।
प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि देश अमृत काल में नए संकल्प, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने डॉक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण है।
निदेशक प्रो.आरके धीमान ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम हो रहा है, जो 573 बेड का होगा और 22 विशेषज्ञता का इलाज होगा।पीडियाट्रिक मधुमेह का इलाज एक ही छत के नीचे स्पेशलिस्ट का इलाज होगा।
इतने को मिली उपाधि
डीएम- 48, एमसीएच-28,एमडी-39,पीडीएएफ-9,पीडीसीसी-44,एमएचए-11,एसएससी-6,पीएचडी-3,बीएससी सीएमटी- 40,बीएससी नर्सिंग-37
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लखनऊ। पीजीआई के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि दीक्षांत समारोह का जीवन पर बड़ा प्रभाव होता है, जब हमें नई चुनौतियों के लिए तैयार होना पड़ता है। उपमुख्यमंत्री ने डाक्टरों से चुनौतियों को स्वीकार करने व मरीज को भगवान मानकर उनकी सेवा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में उच्चस्तरीय उपकरणों लगा रही है ताकि मरीजों की जटिल बीमारियों का इलाज कर रही है। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षक दवाओं से लेकर अन्य संसाधन सरकारी अस्पतालों को मुहैया कराये जा रहे है। ताकि मरीजों को उच्चस्तरीय चिकित्सा उपल्ब्ध हो सके। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 157 के लगभग नर्सिंग कालेज खोलने का प्रस्ताव मिला है।

राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर सरन सिंह ने उपाधि व पदक प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं और बधाई देते हुए कहा कि सरकार के प्रयास से नित नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है, जिससे डॉक्टर्स की कमी दूर होगी।
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जीन की दवा की मात्रा भूमिका – प्रो. नारायण प्रसाद

कई शोध के लिए प्रो. नारायण प्रसाद के प्रो.एसआर नायक बैस्ट रिसर्च का अवार्ड संस्थान दीक्षा समारोह में दिया गया । जीन की भूमिका है जो ट्रांसप्लांट के बाद दी जाने वाली इम्यूनोसप्रेसिव दवा टैक्रोलिमस की मात्रा तय करते है। इन दोनों जीन के आधार पर दवा की मात्रा देने से प्रत्यारोपित किडनी की स्वीकार्यता बढ़ जाती है और दवा की विषाक्तता का प्रभाव नहीं होता है। 41 बुक चैप्टर -15।
खून की उल्टी होती है जिसके बाद लिवर खराब होने की आशंका बढ़ जाती है। 105 शोध पत्र है और 32 बुक चैप्टर है।

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