अल्ट्रासाउंड से नर्व, मांसपेशियों की चोट व हड्डी की जांच भी की जा सकती है। यह जांच सस्ती होने के कारण बेहतर भी है, लेकिन इसके लिए विशेषज्ञ होने के साथ ही उपकरण भी हाई फ्रेक्वेंसी का होना चाहिए। यह जानकारी इंडियन फेडरेशन आफ अल्ट्रासाउंड इन मेडिसिन एंड बायोलॉजी कार्यशाला के दूसरे दिन विशेषज्ञ डाक्टरों ने दी। कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यशाला में अंतिम दिन अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञों ने विभिन्न बीमारियों की पहचान व बचाव की जानकारी दी।
कार्यशाला में डा. पीके श्रीवास्तव ने बताया कि अंतिम दिन विशेषज्ञों के अल्ट्रासाउंड से होने वाली विभिन्न जांचों के बारे में बताया।
खास कर यह भी बताया कि अल्ट्रासाउंड जांच का प्रयोग नर्व की डेमेज होना, मांसपेशियों का खिचांव, रेप्चर की भी स्टडी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि एमआरआई का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन अल्ट्रासाउंड उपकरण अगर हाई फ्रेक्वेंसी का हो तो जांच में सस्ती आैर उच्चस्तरीय की जा सकती है। सटीक अल्ट्रासाउंड से मरीजों कई अन्य अंगों का भी जांच की जा सकती है। कार्यशाला में स्पोर्ट इंजरी पर डा. अश्विन ने जानकारी दी कि अल्ट्रासाउंड से कौन – कौन सी जांच की जा सकती है।