लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में रविवार को चमत्कार हो गया। यहां मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट डाक्टरों ने रविवार को पहले तो मरीज का इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। परिजन रोते बिलखते जब कैजुल्टी में मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए पहुंचे, तो वहां के डाक्टरों ने चमत्कार कर दिया। वहां पर महज स्टेथोस्कोप लगाते ही धड़कन होने की आशंका जतायी आैर मृत मरीज की ईसीजी की तो वह जिंदा थी। इसके बाद खुशी का इजहार करते परिजनों ने जब मेडिसिन विभाग के डाक्टरों से इस शिकायत करते हुए आक्रोश प्रकट किया तो रेजीडेंट डाक्टरों ने उन्हें धक्के मार कर भगा दिया।
इस पर हंगामा हो गया। हंगामा ज्यादा होता देख पुलिस मौके पर पहुंची परिजनों को शांत कराया आैर ट्रामा सेंटर अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मरीज को मेडिसिन विभाग में भर्ती करके इलाज किया गया।
बताते चले कि तालकटोरा निवासी शमशुन निशंा (52) का पीलिया की शिकायत लम्बे समय से बनी हुई थी। इसके अलावा अन्य बीमारियां भी थी। परिजनों का कहना है कि उसका पहले से ही मेडिसिन विभाग में इलाज चल रहा था। अाज सुबह उसकी तबियत अचानक बिगड़ी तो परिजन इमरान महिला को लेकर ट्रामा सेंटर पहुंचे। कैजुल्टी में प्राथमिक उपचार करने के बाद मंिहला को मेडिसिन विभाग भेज दिया गया।
यहां पर पहले रेजीडेंट डाक्टरों ने बिस्तरों की कमी हवाला देते हुए वापस करने लगे, पर परिजन फरियाद करने लगे तो भर्ती करके कुछ देर बाद महिला मरीज की ईसीजी करायी। ईसीजी के आधार पर रेजीडेंट डाक्टरों ने महिला को मृत घोषित करते हुए कैजुल्टी से डेथ सर्टिफिकेट लेने भेज दिया। रोते बिलखते परिजन कैजुल्टी पहुंचे तो वहां के डाक्टरों ने मृत घोषित करने से पहले स्टेथो स्कोप से चेक किया तो उसे हार्टबीट होने का अहसास हुआ। इसके बाद तत्काल वहां पर ईसीजी करने के बाद उसे डाक्टरों ने जिंदा घोषित कर दिया।