लखनऊ । राज्य सरकार इस बार दिवाली से पहले वेतन के बाद अब राज्य कर्मचारियों को बोनस भी देने का निर्णय ले लिया है। राज्य कर्मचारियों को अधिकतम बोनस 7000 रु पये दिया जाएगा। इसका लाभ करीब 8 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों, शिक्षकों और दैनिक वेतनभोगियों को मिलेगा। राज्य के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बुधवार को इसकी घोषणा की।
दिवाली से एक दिन पहले वेतन देने का आदेश राज्य सरकार ने जारी किया था। इस आदेश से 26 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी राहत मिली थी। बुधवार को बोनस देने के एलान का लाभ अराजपत्रित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायत कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों को मिलेगा। ऐसे कर्मचारियों को वर्ष 2022-23 के लिए 30 दिन के तदर्थ बोनस भुगतान के आदेश जारी किए गए हैं।
शासनादेश के मुताबिक जिन कर्मचारियों का वेतन मैट्रिक्स लेवल-8 (47600-151100) तक है, उन्हें 30 दिन का तदर्थ बोनस दिया जाएगा। इसकी अधिकतम राशि 7000 रु पये तय की गई है। 31 मार्च 2024 को मासिक परिलब्धियां 7000 रु पये से ज्यादा होने पर निश्चित फार्मूले के आधार पर 6908 रु पये बोनस मिलेगा। बोनस के दायरे में आने वाले सभी कर्मचारियों का इस राशि का 75 प्रतिशत भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा। जबकि 25 प्रतिशत का नगद भुगतान किया जाएगा। जो कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं होंगे, उन्हे ये धनराशि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनसीसी) के रूप में दी जाएगी। 31 मार्च 2024 के बाद और 30 अप्रैल 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पूरा बोनस नगद दिया जाएगा।
राज्य सरकार ऐसे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, जिन्होंने हफ्ते में छह दिन कामकाज वाले कार्यालय में तीन वर्ष या उससे ज्यादा लगातार काम किया होगा और प्रत्येक वर्ष कम से कम 240 दिन कार्यरत रहे होंगे, उन्हें सुविधा मिलेगी। दैनिक वेतनभोगियों के बोनस की गणना 1184 रु पये महीना तय की गई है। वहीं उन कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलेगा, जिन्होंने वर्ष 2023-24 में अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक मुकदमे में दंड मिला हो।वहीं जिन कर्मचारियों के विरु द्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जांच चल रही है या किसी अदालत में आपराधिक मुकदमा लंबित है, उन्हें दोषमुक्त होने पर बोनस मिलेगा। तब तक ये राशि स्थगित रहेगी। दोषी साबित होने पर अपील या पुनर्विचार के मामलों में भी बोनस नहीं दिया जाएगा।