KGMU ; ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार किए जाने की आवश्यकता

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केजीएमयू का 16 वां दीक्षांत समारोह
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल व कुलाधिपति आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि शिक्षा के अर्थ है करुणा आैर एक डाक्टर के अंदर करूणाभाव होना आवश्यक है। वह सोमवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थी। समारोह में हीवेट, चांसलर व विश्वविद्यालय सम्मान मेडल प्राप्त करने वाले एमबीबीएस के नितिन भारती के अलावा 44 मेधावियों को 86 मेडल्स प्रदान किये। इस अवसर पर दो संकाय सदस्यों को भी मेडल व अवार्ड से सम्मानित किया गया। समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री संदीप सिंह मौजूद थे।
कुलाधिपति आनन्दी बेन पटेल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पांच वर्षो की कठिन संघर्ष के बाद आज विद्यार्थियों के लिए यह ऐतिहासिक दिन आया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की एक जिम्मेदारी बनती है कि वह समाज में आमजन की सेवा पूरी ईमानदारी से करें।
राज्यपाल ने कहा कि समाज में जातिय भेदभाव समाप्त करने का समय आ गया है। शिक्षित वर्ग अगर आगे आकर इसका प्रयास करेगा, तो निश्चित ही पूरा समाज उसका अनुसरण करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ है करूणा और एक चिकित्सक के अंदर करूणाभाव का होना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने केजीएमयू द्वारा टीबी से पीड़ित छह बच्चों को गोद लिए जाने की सराहना करते हुए उन्हें फल और मिठाई भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया।
 

उन्होंने लखनऊ के केजीएमयू सहित चार चिकित्सा संस्थानों से अनुरोध किया कि वह अलग-अलग जिलों में महिलाओं के लिए स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए कैंप का आयोजन करें। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर की काफी समस्या है। ऐसे में इन कैपों के आयोजन से इन महिलाओं की जान बचाकर एक परिवार को बचाया जा सकता है। समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थितियों में भी केजीएमयू ने न केवल संक्रमित मरीजों का उपचार किया है, बल्कि गैर कोरोना संक्रमित मरीजों को भी अपने चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाते हुए इलाज के लिए परामर्श दिया है। यहीं नहीं इमरजेंसी में सर्जरी करके भी मरीजोें की जान बचायी गयी है। यह संस्थान आम जनता के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के प्रति संवेदना का द्योतक है। समारोह में कुलपति ने कुलाधिपति को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन प्रो. अमिता पांडे , डा. तूलिका चंद्रा तथा पुनिता मलिक ने किया।

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