लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पैथालॉजी विभाग में ग्लियाल फाइब्रिालरी एसिडिक प्रोटीन (जी एफ ए पी) नामक बायोमार्कर ब्लड टेस्ट शुरू होने जा रहा है। इस टेस्ट की खास बात यह है कि बीस मिनट में ब्लड टेस्ट हेड इंजरी के मरीज के बारे में पता चल जाएगा कि उसे सीटी स्कैन की आवश्यकता नहीं है।
यह जानकारी पैथालॉजी विभाग ने वरिष्ठ डा. वाहिद ने दी। उन्होंने बताया कि अक्सर एक्सीडेंट या अन्य कारणों से सिर में लगी चोट की पहचान के लिए सीटी स्कैन कराया जाता है। इससे अक्सर मरीज को परेशानी हो सकती है आैर रेडिएशन भी होता है। ऐसे में नयी तकनीक से ब्लड टेस्ट का बायोमार्कर जी एफ ए पी बहुत ही कारगर है। इस बायोमार्कर टेस्ट माइल्ड इंजरी भी पता चल जाती है। बीस मिनट में होने वाले टेस्ट से डाक्टर जान सकते है कि सिर में चोट किस लेबल की है आैर लाइन आफ ट्रीटमेंट क्या होगा।
उन्होंने बताया कि इस ब्लड टेस्ट से उन मरीजों को लाभ होगा जो कि उस वक्त सीटी स्कैन कराने में सक्षम नहीं होते है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में भर्ती होने वाले हेड इंजरी के मरीजों को बहुत राहत मिलेगी। अक्सर मरीजों की संख्या होने के कारण सीटी स्कैन पर जांच वेंटिग में कर दी जाती है।
इस बायोमार्कर ब्लड टेस्ट से तत्काल पता चल जाएगा कि मरीजों को सीटी टेस्ट कराने की आवश्यकता है कि नहीं। डा. वाहिद ने बताया कि केजीएमयू पैथालाजी टेस्ट में कई अत्याधुनिक टेस्ट शुरू होने जा रहे है। इनमें जी एफ ए पी बायोमार्कर के अलावा कार्डियक का ब्लड टेस्ट भी करने से कार्डियक रिस्क का पता चल सकेगा।