लखनऊ। गर्मी में अधिक तापमान व चिलचिलाती धूप के कारण शरीर में तरल पदार्थ की आवश्यकता बढ़ जाती है, जिसकी पूर्ति न होने पर अनेक प्रकार की समस्याएं जैसे डिहाईड्रेशन (शरीर में पानी की कमी), चक्कर आना, शरीर के तापमान का बढ़ जाना आदि हो सकता है।
यदि डायबिटिक पेशेंट की बात की जाये तो इस मौसम में उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस मौसम में ब्लड शुगर लेवल में तेजी से उतार चढ़ाव हो सकता है। इसलिए इसे बार-बार मॉनिटर करना चाहिए। यह जानकारी पोषणधारा की वाइस प्रेसिडेंट व चीफ डाइटीशियन डॉ ऋतु सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि ऐसे में अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें। ऐसा करने से भी डिहाइड्रेशन से बच सकेंग,े वह ब्लड शुगर को नियमित रख सकेंगे। कम नमक व कम शुगर वाली भोज्य पदार्थ का सेवन करें। ऐसे तरल पदार्थ जिनमें शर्करा की मात्रा अधिक है जैसे फलों का रस, मीठे फल, शरबत, गन्ने का रस, ग्लूकोज पानी का सेवन भूल कर भी न करें। उन्होंने बताया कि डायबिटीज के मरीज नींबू पानी, नारियल पानी, पतला मठ्ठा, छाछ व आमपना, पतला सत्तू आदि ले सकते हैं। थोड़े समय अंतराल पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन लेते रहें। लंबे समय तक भूखे रहना शुगर के मरीजों के लिए घातक है।
इसलिए उन्हें थोड़ी मात्रा में कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन जैसे मल्टीग्रेन रोटी, दालों का सलाद, पत्तेदार सब्जियां, दूध व दही लेना चाहिए। नियमित हल्का व्यायाम शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है, परंतु अधिक तेजी वाली कसरत डिहाइड्रेशन को बढ़ा सकती है। व्यायाम हमेशा प्रातः काल या सायं काल में ही करें। इसका विशेष ध्यान रखें कि कड़ी धूप में व्यायाम न करें या जहां तक हो सके बाहर न जायें । खास कर डायबिटीज के मरीजों को बासी व बाहर का खाना विशेष तौर पर बिल्कुल न खाएं। शुगर के मरीजों में संक्रमण का खतरा साधारण लोगों की अपेक्षा अधिक होता है।
ऐसा भोजन पेट संबंधी समस्या जैसे अपच हो सकती है। यदि किसी वजह से (पेट खराब होने या स्वास्थ्य ठीक होने) भोजन न करने की इच्छा हो, तो इंसुलिन या शुगर की दवा ना लें तथा चिकित्सक से अवश्य सलाह लें ।