लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सर्जरी के विशेषज्ञों के साथ कार्डियक व एनेस्थीसिया के एक मरीज की बेहद जटिल सर्जरी करके नयी जिंदगी दे दी है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक मरीज के सीने में हार्ट के दो चैंम्बर क्षतिग्रस्त कर सरिया आरपार हो गया था।21 डॉक्टरों की टीम ने चार घंटे जटिल सर्जरी कर मरीज की जान बचायी गयी। विशेषज्ञ डाक्टरों का दावा है कि इस तरह सर्जरी दुनिया में पहली बार हुई है। ऐसे केस में 99 प्रतिशत मरीजों की डेथ हो जाती है।
सुलतानपुर के निवासी ई- रिक्शा चालक मुन्नेलाल (54) के घर की निर्माणाधीन छत 27 मार्च की सुबह गिर गयी थी। घटना में मुन्नेलाल के छाती के दाहिने हिस्से से पीछे से 75 सेमी. की सरिया आरपार हो गई। परिजन ई रिक्शा से ही मुन्नेलाल को 22 किमी. जिला अस्पताल सुलतानपुर ले गए। जहां डॉक्टरों ने सरिया आरपार देख कर सरकारी एंबुलेंस से केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। लहूलुहान स्थिति में मुन्नेलाल को लेकर परिजन ट्रॉमा सेंटर पहुंचे।
ट्रॉमा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप तिवारी ने तत्काल इलाज शुरू करा दिया। सबसे पहले मरीज की सीने में घुसी सरिया को 30 सेमी. तक काटा गया। बाकी 45 सेमी. सरिया शरीर में ही धंसी रही। एक्सरे, सीटी के साथ ही ईको भी किया गया। जांच में पता चला कि सरिया धंसने से हार्ट के दो चैंबर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
डॉ. समीर मिश्रा ने बताया कि एनेस्थीसिया, कॉर्डियक व ट्रॉमा सर्जरी के डॉक्टरों से रिपोर्ट के बारे में तत्काल बातचीत की गयी। ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की प्रमुख डॉ. तूलिका चंद्रा के सहयोग से मरीज के लिए आठ यूनिट ब्लड यूनिट की व्यवस्था बिना डोनर के की गयी। सर्जरी में छह यूनिट ब्लड लग गया। तीनों विभागों की टीम ने लगभग चार घंटे सर्जरी की। सर्जरी के बाद मरीज तीन दिन वेंटीलेटर पर और नौ दिन आईसीयू में रहा। जांच में स्पष्ट है कि हार्ट पहले की तरह से ही काम करना शुरू कर चुका है।
डॉ. एसके सिंह ने बताया कि मुन्नेलाल को पेट की दिक्कत मई 2023 में हुई थी। उस दौरान ट्रॉमा सेंटर में ही उसका सर्जरी की गयी। इस प्रकार ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों की टीम ने दो बार मुन्नेलाल को तुरंत और बेहतर इलाज देकर नया जीवनदान दिया है। डॉ. समीर मिश्रा का दावा है कि हार्ट के दो चैंबर को सरिया चीरने की ऐसी सर्जरी दुनिया में पहले नहीं हुई है। दावा है कि अभी तक आंकड़ों के अनुसार हार्ट के एक भाग को सरिया या लोहे की राड से पंचर करने वाले मामले के मरीजों का सर्जरी की गयी, लेकिन आरपार की घटना और दो चैंबर क्षतिग्रस्त होने की घटना नहीं दिखी।
सर्जरी में केजीएमयू के डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. समीर मिश्रा, डॉ. एसके सिंह, डॉ. तूलिका चंद्रा, ट्रॉमा सर्जरी के डॉ. वैभव जायसवाल, डॉ. यादवेंद्र धीर, डॉ. शहनवाज अहमद, डॉ. आकांक्षा कुमारी, डॉ. एकता सिंह, डॉ. रामबीत, डॉ. ताहिर, डॉ. अंजना मनहास, कॉर्डियक सर्जन डॉ. विवेक तेवरसन, डॉ. जीशान हाकिम शामिल रहे। इनके अलावा एनेस्थीसिया के डॉ. ब्राजेश प्रताप सिंह, डॉ. रति प्रभा, डॉ. जिया अरशद, डॉ. तृप्ति सिंह, डॉ. शगुन पालीवॉल, डॉ. ह्यूमिता, डॉ. सुनंदा सिंह शामिल रहे।