किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों के इलाज में कोई कोताही नही होनी चाहिए। इसके अलावा एक समन्वय समिति बनायी जाए, जोकि क्लीनिक व नॉन क्लीनिकल मामलों को निस्तारण करने में मदद करें। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा प्रमुख सचिव केजीएमयू में कुलपति व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश केजीएमयू प्रशासनिक अधिकारियों को दिये।
बैठक में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा कर्मचारियों व मेडिकोज को लेकर हड़ताल को लेकर था। बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा केजीएमयू ने विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनायी है। ऐसे में यहां पर हो रही घटनाओं से छवि को धूमिल न होने दें। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति का गठन किया जाए , जिसमें सभी वर्गो के लोग हो ताकि किसी भी प्रकार का विवाद होने पर उसे तत्काल निपटने में मदद मिल सके। इसके अलावा इमरजेंसी से लेकर अन्य सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा गार्ड व पीआरओ की संख्या को बढ़ाया जाए। बैठक के बार में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एसएन शंखवार ने बताया कि प्रमुख सचिव का निर्देश है कि किसी भी गंभीर मरीज के इलाज में दिक्कत नहीं आनी चाहिए। गंभीर मरीज का इलाज तत्काल शुरु किया। उसका भले बिस्तर खाली होने तक स्ट्रेचर पर इलाज करना पड़े।
उन्होंने कहा है कि सामान्य मरीज तो आस-पास के सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज करा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल के अधिकारियों से बातचीत करके सामान्य मरीजों का इलाज वहीं पर करने के लिए सुनिश्चित कराये। ज्यादातर सरकारी अस्पताल रात में बिस्तर होते हुए रेफर कर देते है। बैठक में डीन सहित अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों के इलाज में कोई कोताही नही होनी चाहिए। इसके अलावा एक समन्वय समिति बनायी जाए, जोकि क्लीनिक व नॉन क्लीनिकल मामलों को निस्तारण करने में मदद करें। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा प्रमुख सचिव केजीएमयू में कुलपति व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश केजीएमयू प्रशासनिक अधिकारियों को दिये।
बैठक में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा कर्मचारियों व मेडिकोज को लेकर हड़ताल को लेकर था। बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा केजीएमयू ने विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनायी है। ऐसे में यहां पर हो रही घटनाओं से छवि को धूमिल न होने दें। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति का गठन किया जाए , जिसमें सभी वर्गो के लोग हो ताकि किसी भी प्रकार का विवाद होने पर उसे तत्काल निपटने में मदद मिल सके। इसके अलावा इमरजेंसी से लेकर अन्य सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा गार्ड व पीआरओ की संख्या को बढ़ाया जाए। बैठक के बार में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एसएन शंखवार ने बताया कि प्रमुख सचिव का निर्देश है कि किसी भी गंभीर मरीज के इलाज में दिक्कत नहीं आनी चाहिए।
गंभीर मरीज का इलाज तत्काल शुरु किया। उसका भले बिस्तर खाली होने तक स्ट्रेचर पर इलाज करना पड़े। उन्होंने कहा है कि सामान्य मरीज तो आस-पास के सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज करा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल के अधिकारियों से बातचीत करके सामान्य मरीजों का इलाज वहीं पर करने के लिए सुनिश्चित कराये। ज्यादातर सरकारी अस्पताल रात में बिस्तर होते हुए रेफर कर देते है। बैठक में डीन सहित अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे।
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