लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग की दोहरी स्थानान्तरण नीति पर मुख्य सचिव ने आश्चर्य प्रकट किया है। उन्होने तत्काल प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से आख्या मांगते हुए इससे जुड़ी सभी पत्रावलियां तलब कर ली है। उधर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में दोहरी स्थानान्तरण नीति, अस्थिर प्रशासनिक व्यवस्था को मजूबत करने तथा भ्रष्ट सचिव के कार्यगुजारियों के विरोध में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के लिपिक 15 फरवरी से तीन दिवसीय धरना अपने जनपद में सीएमओ कार्यालय पर देंगे। यूपी मेडिकल एण्ड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के तत्वावधान में होने वाले तीन दिवसीय धरने के बाद भी कार्रवाई न होने पर 19 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल की जाएगी। लिपिकों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेज कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री ग्रिजेश पाण्डेय ने पत्रकार वार्ता में बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशालय में स्थानान्तरण नीति का लगातार उल्लंघन करके है। अपनी दोहरी स्थानान्तरण नीति लागू करके लिपिकों को शोषण किया जा रहा है। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने प्रदेश भर के विभागीय 204 लिपिकों का मध्य सत्र में नियम विरुद्ध स्थानान्तरण कर दिया गया। इस स्थानान्तरण नीति से लिपिक बेहाल है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने बिना किसी ठोस कारण के 31. 10. 2017 से उन 104 स्थानान्तरणों को निरस्त कर दिया गया।
साथ ही सामान्य स्थानान्तरण नीति का किनारे रखते हुए वर्तमान निदेशक प्रशासन को यह निर्देश दे दिया कि विभागीय वर्गीय कार्मिकों की एक स्थायी स्थानान्तरण नीति न होने के कारण कार्मिकों को एक पटल पर कई वर्षो तक एक स्थान पर कार्य किये जाने से भ्रष्ट्राचार बढ़ने के कारण लिपिक वर्गीय स्थानान्तरण नीति बनाये जाने के लिए प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिया।
इसके साथ इन लिपिकों की विजिलेंस जांच कराने का भी निर्देश दे दिया। इस दोहरे स्थानान्तरण के कारण लिपिक संवर्ग में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महानिदेशालय में लिपिक के तबादले के कारण काम काज भी प्रभावित हो रही है। उनका आरोप है कि एक जनहित याचिका में महानिदेशक स्वास्थ्य के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए न्यायालय में उपस्थित होना का निर्देश दिया था। उनका आरोप है कि इस पर सचिव ने महानिदेश को बचाते हुए जनपद बलिया के 50 लिपिकों से 400 किमी दूर विभिन्न जनपदों में तबादला कर दिया गया।
इसके अलावा 50 लिपिकों को तबादला करके बलिया में तैनात कर दिया गया। जब कि जनहित याचिका रिट डिस्पोज हो गया, लेकिन तबादले नहीं रोके गये। उन्होंने बताया कि जब लिपिकों ने उनके नेतृत्व में मुख्य सचिव को जानकारी दी गयी तो उन्होंने स्थानान्तरण की दोहरी नीति की जानकारी नहीं होना बताया। मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण इसके बारे में आख्या मांगी है। इसके अलावा सभी पत्रावलियांें को तलब भी किया है।
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