ग्लाइसेमिक कम होने से मधुमेह में बेहद फायदेमंद है यह चावल

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-सीमैप में मनाया गया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

 

 

 

 

 

 

 

लखनऊ । केन्द्रीय औषधीय एवं संगध पौधा संस्थान में बुधवार को 25वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में डा. आर.एम. सुन्दरम, निदेशक, आईसीऐआर-आईआईआरआर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त डा. अश्वेरिया लक्ष्मी, स्टाफ साइंटिस्ट, एनआईपीजीआर सम्मानित अतिथि थीं तथा डा. हितेंद्र पटेल, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीसीएमबी विशेष अतिथि थे।

 

 

 

 

 

 

इस दौरान मुख्य अतिथि डा. सुंदरम ने सांबा महसूरी, डीआरआर धान-58, डीआरआर धान-60, डीआरआर धान-62 सहित संस्था द्वारा विकसित चावल की किस्मों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इन किस्मों में जैविक और अजैविक तनाव के प्रति प्रतिरोध जैसे गुण होते है, साथ ही साथ उत्पादन भी काफी ज्यादा मिलता है और इन्हें कम मात्रा में उर्वरक की आवश्यकता होती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

सम्मानित अतिथि डा. अश्वेर्य लक्ष्मी ने सीमैप के प्रयासों की सरहाना करते हुए कहा कि  सीमैप का काफी योगदान किसानों मिल रहा है। विशेष अतिथि डा. हितेंद्र पटेल ने सांबा महसूरी चावल की उन्नत किस्म के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की तथा बताया कि यह प्रजाति बैक्टीरियल ब्लाइट रोग के लिए प्रतिरोधी है, साथ इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम है जो मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है।

 

 

 

 

 

 

 

 

सीमैप के निदेशक डा. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसान की आय बढ़ाने के लिए मिलकर काम करें।
अंत में निदेशक सीमैप के निदेशक ने अतिथियों के साथ सीमैप द्वारा विकसित उन्नत प्रजाति, सिम-पीताम्बरी (हल्दी ) और सीसीएमबी द्वारा विकसित चावल की उन्नत सांबा महसूरी प्रजाति के बीजों को बाराबंकी, सीतापुर, प्रतापगढ़, दिल्ली से आए किसानों को वितरित की। सीमैप के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डा. संजय कुमार यादव ने सीमैप द्वारा विकसित प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों, हर्बल उत्पादों, दवाओं और उन्नत प्रजातियों के बारे में विस्तृत पर चर्चा की।

 

 

 

 

 

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