लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने अंग प्रत्यारोपण के तहत हाथ प्रत्यारोपण करने की मांग शासन से की है। अगर यह प्रत्यारोपण सफल होता है, तो केजीएमयू देश को तीसरा व उत्तर भारत का पहला हाथ प्रत्यारोपण करने वाला विश्वविद्यालय बन जाएगा। केजीएमयू का प्लास्टिक सर्जरी विभाग अभी कटे हाथ, अंगुलियां को जोड़ने में काफी दिन से सफलता प्राप्त कर चुका है। अब प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. एके सिंह के साथ चिकित्सा अधीक्षक व वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डा. विजय कु मार ने हाथ प्रत्यारोपण करने की तैयारी शुरू कर दी है। डा. विजय कुमार का कहना है कि जब किसी व्यक्ति का हाथ कट जाता है आैर समय पर प्लास्टिक सर्जन के पास पहुंच कर कोशिश भी नहीं कर पाता है तो उसे कटे हाथ के कारण जीवन में काफी दिक्कते आती है।
काफी संख्या में लोग दूसरे का हाथ प्रत्यारोपण करने की मांग कर चुके है। ऐसे में दूसरे का हाथ प्रत्यारोपण की योजना को तैयार किया गया। उन्होंने बताया कि दूसरे व्यक्ति का हाथ का सफल प्रत्यारोपण दक्षिण भारते के कोच्चि के मेडिकल कालेज में किया जा चुका है। इसके अलावा पांडचेरी के मेडिकल कालेज में भी दूसरे व्यक्ति के हाथ का सफल प्रत्यारोपण किया जा चुका है।
इसके बाद केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने हाथ प्रत्यारोपण की तैयारी शुरू कर दी है। डा. विजय कुमार बताते है कि किसी भी प्रकार के प्रत्यारोपण को करने के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है। ऐसे में दूसरे व्यक्ति का हाथ प्रत्यारोपण करने के लिए अनुमति ली जा रही है। किडनी प्रत्यारोपण के लिए अत्याधुनिक आईसीयू तैयार होने के बाद दूसरे का हाथ प्रत्यारोपण भी किया जाने की तैयारी है।