बांग्लादेश के मरीज की कम खर्च में कर दी जटिल सर्जरी

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लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों ने थायराइड ट्यूमर से पीड़ित बांग्लादेश के मरीज की सफल सर्जरी की है। यह मरीज लुत्फुन निशा (61) ढाका की रहने वाली है। विशेषज्ञ डाक्टरों ने निशा के 5.5 सेमी. का थायराइड ट्यूमर सर्जरी में निकाला है। सर्जरी के बाद तेजी से सुधार कर रही मरीज की मंगलवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। विशेषज्ञों ने यह सर्जरी मात्र 40 हजार रुपये में की है, जब कि सिंगापुर के डाक्टरों ने इस सर्जरी का खर्च लगभग पांच लाख रुपये बताया था।

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निशा के बेटे लुत्फर परवेज ने बताया कि वह पहले मां को सर्जरी के लिए सिंगापुर ले गए थे। वहां के डॉक्टरों ने सर्जरी समेत समूचे इलाज में चार से पांच लाख रुपए बताए थे। मंहगा इलाज होने की वजह से उन्होंने पीजीआई के सीएमएस व इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. अमित अग्रवाल से संपर्क किया। डॉ. अग्रवाल ने जांच पड़ताल के बाद सर्जरी की। सर्जरी में दवाईयां व अस्पताल में रहने का खर्च मिलाकर 40 हजार रुपए आया है। निशा के मुताबिक उनके गले में सूजन थी, जिसकी वजह से खाना निगलने में दिक्कत हो रही थी। ढाका में डॉक्टरों की परामर्श के बाद परवेज मां निशा को सिंगापुर लेकर गए। सर्जरी ही एकमात्र विकल्प था। विशेषज्ञों ने बताया था कि इस सर्जरी में मरीज की आवाज जाने व पैराथायरायड ग्रंथि के क्षतिग्रस्त होने का जोखिम रहता है।

निशा की बेटी को भी थायरायड की परेशानी थी, जिसका इलाज सिंगापुर में कराया था। लिहाजा निशा ने सिंगापुर में सर्जरी का फैसला लिया, लेकिन इलाज में चार से पांच लाख बताए जाने पर आर्थिक स्थिति सहीं नहीं करायी। इस दौरान ढाका में रहने वाले भारतीय डा. राजीव ने पीजीआई के इंडो सर्जन डॉ. अमित अग्रवाल से सर्जरी कराने की राय दी। इसके बाद परवेज ने डॉ. अमित से मोबाइल और ईमेल के जरिए संपर्क किया। डॉ. अग्रवाल की सहमित होने पर वीजा मिलने के बाद वो इलाज के लिए नौ जनवरी को पीजीआई पहुंचे। दस जनवरी को पीजीआई में भर्ती होने के बाद डॉ. अग्रवाल ने 11 जनवरी को निशा की सर्जरी की।

सोमवार को प्रेसवार्ता में डॉ. अग्रवाल ने बताया कि निशा अब ठीक हैं उन्हें मंगलवार अस्पताल से छुट्टी दे जाएगी। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि थायराइड में कैंसर का शक था। लिहाजा सर्जरी में पूरा थायराइड निकाल दिया गया है, साथ ही इसकी बायोप्सी करायी है। ताकि कैंसर की पुष्टि होने पर मरीज को थिरेपी दी जा सके।

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