लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन वर्ष 2019 का आगाज जोरदार तरीके से करना चाहता है। वह जनवरी महीने में ही किडनी प्रत्यारोपण शुरू करने का दावा कि या है। यही नही मिल्क बैंक भी जनवरी फरवरी महीने में शुरू करने की तैयारी है। यह दावा केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में दिया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में भी केजीएमयू के कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है, लेकिन अब वर्ष 2019 में चिकित्सा क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करना चाहता है। कुलपति प्रो. भट्ट ने बताया कि काफी समय से कोशिश की जा रही है कि प्रत्यारोपण यूनिट शुरू नहीं हो पा रही है।
इसके लिए अब मैन पावर दिये जाने की संस्तुति हो गयी है। आईसीयू यूनिट बन गयी है। जल्द ही पैरामेडिकल व अन्य स्टाफ के चयन के बाद जनवरी महीने में प्रत्यारोपण शुरू कर दिया जाएगा। यही नही जनवरी से यूनिट करने की कोशिश है। किडनी के बाद लिवर प्रत्यारोपण भी शुरू करने की तैयारी है। उनके साथ पत्रकार वार्ता में मौजूद बाल रोग विभाग की विभाग प्रमुख डा. माला कुमार ने बताया कि प्रदेश का पहला मिल्क बैंक शुरू किये जाने के लिए बजट 95 लाख रुपये मिल चुका है। इसके निर्माण की तैयारी भी ट्रामा सेंटर में शुरू हो गयी है।
जनवरी महीने में मिल्क बैंक शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उनके यूनिट में आने वाले 30 प्रतिशत बच्चों को मदर मिल्क की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि डिब्बे के दूध में एंटीबाडी व अन्य पोषक तत्व नहीं होते है। यह सब मां के दूध में होते है। यहां पर मां की अनुमति के बाद उनका दूध एकत्र करके जांच करने के बाद पाश्चराइज्ड किया जाएगा। जो कि तीन से छह महीने तक डीप फ्रीजर में रहेगा। आवश्यकता होने पर किसी भी बच्चों को दिया जा सकता है, जिनकी मां इलाज कही आैर करा रही है आैर शिशु का इलाज केजीएमयू में चल रहा है। इसके अलावा प्रीमेच्योर बेबी को भी दूध दिया जा सकेगा। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के अलावा एम्स का दर्जा भी दिलाने की कोशिश है।
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