विश्व ह्रदय दिवस –
आमतौर पर हम मानते हैं कि पुरुषों को दिल के दौरे का रिस्क अधिक होता है पर हाल में हुए शोध के नतीजे काफी अलग हैं।वुमेन्स हार्ट फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि करीब 86 लाख महिलाएं हर साल दिल के दौरे से मरती हैं जो हर साल महिलाओं की मृत्यु का एक तिहाई हिस्सा है।वर्ल्ड हार्ट डे के अवसर पर जानिए, महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षणों के बारे में विश्व हृदय दिवस दुनिया भर में हर साल 26 सितंबर को मनाया जाता है। भारत में अब कम उम्र के लोग भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है तनाव। ऐसे में इस बात की जरूरत है कि हम अपने दिल की आवाज सुनें, दिल को दुरुस्त रखने के लिए तनाव दूर भगाएं।
तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं।
तनाव से उबरने के लिए योग का भी सहारा लिया जा सकता है। हृदय हमारे शरीर का ऐसा अंग है जो लगातार पंप करता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को संचालित करता है।इस बात की जरूरत है कि हम अपने दिल की आवाज सुनें, दिल को दुरुस्त रखने के लिए तनाव दूर भगाएं।हृदय संचार प्रणाली के मध्य में होता है और धमनियों और नसों जैसी रक्त वाहिनियां अशुद्ध रक्त को शरीर के हर भाग से हृदय तक ले जाती हैं और शुद्ध रक्त को हृदय से शरीर के हर भाग तक पहुंचाती हैं।आज हमारे जीवन का आधे से भी ज्यादा समय हमारे कार्यस्थल/ऑफिस में बीतता है। ऐसे में हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि अपनी कार्यप्रणाली के अनुरूप दिल की सेहत कैसे दुरुस्त रहे।
दिल के स्वास्थ्य के लिए इसे अपना सकते हैं :
- थोड़ा समय व्यायाम के लिए निकालें।
- प्रतिदिन कम से कम 50 मिनट तक व्यायाम करना हृदय के लिए अच्छा होता है।
- समय की कमी है तो आप टहल सकते हैं।
- सेहत के अनुरूप आहार लें ।
- नमक की कम मात्रा का सेवन करें
- कम वसा वाले आहार लें।
- ताजी सब्जियां और फल लें।
- समय पर नाश्ता और समय पर लंच करें।
- तंबाकू से दूर रहें।
- घंटों एक ही स्थिति में बैठना हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है।
आज की भागदौड़ वाली जीवनशैली में तनाव भी बढ़ गया है। इससे पूरी तरह बचना तो मुश्किल है लेकिन जहां तक संभव हो इससे दूरी बनाए रखें।
दिल के दौरे के लक्षण –
आमतौर पर दिल के दौरे के लक्षण के रूप में हम सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत ही मानते हैं, लेकिन ऐसे कई लक्षण हैं जिनपर हमारा ध्यान भी नहीं जाता और यह स्थिति को और भी गंभीर बना देते हैं।
- सांस लेने में समस्या।
- बहुत अधिक कमजोरी महससू करना, यहां तक कि चक्कर आ जाना।
- अचानक तेजी से पसीना बहना।
- हाथों में भारीपन महसूस होना।
- घबराहट और उल्टी जैसा लगना।
- पेट में दर्द।
दिल को फिट रखना है तो बदलें जीवनशैली –
भागती-दौड़ती जिंदगी और तनाव के बीच अपने दिल की सेहत को बरकरार रखना आज किसी चुनौती से कम नहीं है। गलत खान-पान, तनाव भरी दिनचर्या, आरामतलब जिंदगी जैसे कई परिवर्तन हैं जो आज के दौर में न सिर्फ उम्रदराज बल्कि कम उम्र के लोगों को भी ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक आदि का शिकार बना रहे हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली के उन पहलुओं को दूर करें जिनसे आपके दिल की सेहत को कोई नुकसान हो सकता है।
धूम्रपान से बचें –
धूम्रपान से आपकी उम्र 15 से 25 साल तक कम हो सकती है। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि धूम्रपान करने वाले लोगों को अन्य की अपेक्षा दिल के दौरे की आशंका अधिक होती है। ऐसे में सेहतमंद दिल के लिए जरूरी है कि इस आदत से दूरी रखी जाए।
डाइट हो संतुलित –
कोशिश करें कि आपकी डाइट संतुलित रहे। ताजे फल, सब्जियां, अनाज आदि आपकी डाइट में जरूर हो। इसके अलावा, जंक फूड और बहुत तैलीय भोजन से दूरी रखें।
सीमित हो एल्कोहल
बहुत अधिक एल्कोहल यानी शराब के सेवन से दिल को नुकसान पहुंचता है। यह ब्लड प्रेशर को बढ़ाता तो है ही, साथ ही वजन बढ़ाने के पीछे भी इसका बहुत बड़ा हाथ है। कोशिश करें की शराब से दूरी रहे और अगर आप कभी-कभी इसका सेवन करते हैं तो भी इसे संयमित रखने में भलाई है।
हमेशा रहें एक्टिव
अपनी आलस्य भरी दिनचर्या को छोड़ें और प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज को जरूर दें। खुद को फिट रखने के लिए व्यायाम या सैर को अपने रुटीन में शामिल करने से दिल की सेहत भी बरकरार रहेगी। समय-समय पर ब्लड प्रेशर, शुगर और कॉलेस्ट्रॉल की जांच करवाते रहें।
तनाव की कर दें छुट्टी –
ब्लड प्रेशर बढ़ने के महत्वपूर्ण कारणों में से एक तनाव भी है। बहुत अधिक तनाव न सिर्फ हमें थकान देता है बल्कि इसका प्रभाव हमारे भोजन पर भी पड़ता है और यह धूम्रपान या एल्कोहल की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है। तनाव से बचाव के लिए योग और ध्यान एक बेहतरीन विकल्प हैं। परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं।
फैमिली बैकग्राउंड –
परिवार में अगर किसी को डायबीटीज, हाई बीपी, मोटापे जैसी समस्याएं हैं तो आपके लिए भी दिल की बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में अगर अपने फैमिली बैकग्राउंड के अनुसार खुद को सतर्क रखना समझदारी है।
खुश रहें, दुरुस्त रहें
छोटी-छोटी बातों का तनाव लेने के बजाय अपने आस-पास के माहौल को हल्का बनाकर रखें और हमेशा खुश रहें।