बोन कैंसर से पीड़ित 6 वर्षीय बच्चे को मिला नया जीवन

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इनोवेटिव क्रायोथेरेपी से किया गया सफल इलाज।

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लखनऊ। दुर्लभ कैंसर से पीड़ित 6 साल की बच्ची प्रीति मिश्रा (बदला हुआ नाम) का सफल इलाज किया। यह बच्ची दुर्लभ और आक्रामक समझे जाने वाले इविंग सार्कोमा बोन कैंसर से पीड़ित थी। यह हर साल लाख बच्चों में से महज तीन या उससे भी कम को अपनी चपेट में लेती है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मस्कुलोस्केलेटल ऑन्कोलॉजी में सीनियर डायरेक्टर डॉ. अक्षय तिवारी के नेतृत्व में इनोवेटिव ट्रीटमेंट किया गया, जिससे वो न सिर्फ कैंसर ठीक हो गया, बल्कि बच्ची के कंधे ने भी काम शुरू कर दिया जिससे उसकी जिंदगी आसान हो गयी।

मैक्स हॉस्पिटल साकेत के मस्कुलोस्केलेटल ऑन्कोलॉजी के डॉ. अक्षय तिवारी ने बताया कि लखनऊ की रहने वाली 6 साल की बच्ची प्रीति के कंधे में पिछले साल सूजन आ गयी थी। परिवार ने पहले सोचा कि कोई चोट लगी होगी और कुछ समय इसका इलाज नहीं कराया गया, लेकिन जब सूजन बढ़ने लगी, तब परिवार को चिंता हुई आैर उन्होंने मेडिकल टेस्ट कराये, जिसमें बोन कैंसर का शक समझा गया। उन्होंने बताया कि बायोप्सी होने पर इविंग सार्कोमा कैंसर होने का पता चला जो एक दुर्लभ और आक्रामक किस्म का बोन कैंसर होता है। गहन जांच-पड़ताल की गईं तो पता चला कि कैंसर फैला नहीं है, जिससे ठीक होने की उम्मीद जगी। फैमिली ने कीमोथेरेपी का इलाज शुरू कराया। छह कीमोथेरेपी के बाद शोल्डर ब्लेड (स्कैपुला) को हटाने के लिए सर्जरी करने की आवश्यकता थी।

डा. तिवारी ने यह केस ज्यादा चुनौतीपूर्ण था क्योंकि कैंसर की हड्डी को हटाने के लिए रेडिकल सर्जरी की आवश्यकता थी और इतने छोटे बच्चे पर इसका गलत प्रभाव भी हो सकता था। टारगेट सिर्फ बीमारी को खत्म करना नहीं था, बल्कि बच्ची के कंधे के मूवमेंट को भी बचाना था। हमारी टीम ने परिवार के साथ लंबी बातचीत और विमर्श के बाद सर्जरी में कंधें के आसपास की कुछ मांसपेशियों के साथ कैंसर की हड्डी को सावधानीपूर्वक हटा दिया। इससे मरीजों को क्वालिटी लाइफ मिलती है। रिकवरी इस इनोवेटिव प्रक्रिया की सफलता का एक नमूना है. इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से, हम सभी का ध्यान चाइल्डहुड कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता की ओर भी लाना चाहते हैं, जिसका अगर समय पर पता लग जाए तो इलाज किया जा सकता है।

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