लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बावजूद दवा के पोर्टल में दर्जनों आवश्यक दवाएं मौजूद न होने पर मरीजों को दिक्कत हो रही है। आयरन, बी काम्प्लेक्स, सहित तमाम तरह के एंटीबायटिक दवा मौजूद न होने के कारण खरीद नही हो पा रही है। ऐसे में मरीज दवाएं बाहर से खरीदने को मजबूर है। स्वास्थ्य विभाग ने दवा की खरीद पारदर्शिता को बरतने के लिए दवाओं का पोर्टल बना रखा है। इसमें दवाओं के नाम दर्ज होने के बाद ही उस दवा को खरीदा जा सकता है। यह नियम सभी अस्पतालों के सामान्य रूप से है। पोर्टल में दवा के नाम दर्ज करने की जिम्मेदारी महानिदेशालय के पास है, पर काफी दिन से काफी संख्या में दवाओं के नाम दर्ज नहीं किया जा रहे है।
इस कारण कोई भी अस्पताल या स्वास्थ्य विभाग की खरीद नहीं कर पा रहा है। बताया जाता है कि पोर्टल में आयरन, बी काम्प्लेक्स, बच्चों के सीरप, एंटीबायटिक दवा,आईवी सेट, सर्जरी में प्रयोग कि या जाना वाला धागा, सीरींज तक मौजूद नहीं है। इसके अलावा बीस हजार रुपये तक बाहर से एलपी करने वाला निर्देश भी बंद हो गया है। इस कारण दवाएं खरीदी भी नहीं जा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी का कारण बदलते मौसम के कारण बच्चों के पैरासीटामाल व एंटीबायटिक सीरप न होने कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पोर्टल में दवाओं के नाम दर्ज होने के कारण परेशान अस्पताल प्रशासनों ने स्वास्थ्य महानिदेशालय को लिखित पत्र भेज कर दवाओं के नाम पोर्टल में दर्ज करने की मांग की है। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. पद्माकर सिंह का कहना है कि अगर जो दवाएं पोर्टल में नहीं है। उन दवाओं को पंजीकरण करा कर मंगाया जा सकता है। अगर ऐसा करते है तो दवाओं की कमी नहीं होगी।