लखनऊ। पैर आैर एड़ी की चोट के फ्रेक्चर के केस बढ़ रहे है। एड़ी में फैक्चर का सबसे बड़ा कारण मोटापा भी माना जा रहा है। इसके अलावा एक्सीडेंट में एड़ी की चोट ज्यादा लग रही है। इसको लोग अक्सर सामान्य इलाज करने के बाद नजर अंदाज कर देते है, जबकि इसकी सर्जरी काफी जटिल है। इसके लिए नयी तकनीक भी अपडेट भी की जा चुकी है। यह जानकारी एओ ट्रॉमा इंडिया इंटरनेशनल कान्फ्रेंस के आयोजक सचिव डॉ. संदीप कपूर ने पत्रकार वार्ता में दी।
गोमती नगर के निजी होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कान्फ्रेंस के बारे में जानकारी दे रहे थे। डॉ. संदीप कपूर ने कहा कि पहले की अपेक्षा वर्तमान में सड़क हादसे बढ रहे है। क्योंकि अब सड़के व हाईवे बेहतर हो गए हैं। लोग एड़ी के फ्रेक्चर को समय पर सही तरीक से इलाज नही कराते है।
इसके साथ ही शराब पीकर भी गाड़िया चलाने से हादसे बढ़ रहे है। उन्होंने बताया कि तेज रफ्तार के वाहनों से मल्टीपल फ्रैक्चर हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कूल्हे के चोट में शॉकेट फ्रैक्चर हो जाते है। चोट की वजह से मरीज का ब्लड प्रेशर सही नहीं रहता है। इसके कारण मरीज शॉक में जाने की संभावना होती है। कई आंतरिक अंग भी क्षतिग्रस्त हो जाते है। आयोजक सचिव डॉ. संदीप गर्ग ने कहा कि एओ ट्रॉमा इंडिया इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में दुनिया भर के हड्डी रोग विशेषज्ञ भाग ले रहे है। तीन दिवसीय अप्रैल तक कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में आर्थो सर्जरी की नयी तकनीक भी बतायी जाएगी। इसमें जर्मनी से फ्रेड्रिच बॉमगाऐर्टेल, आस्ट्रेलिया से लेस ग्रूजिक और चीन से जिन बाओ वू आएंगे। वहीं भारत से डॉ. एमएस ढिल्लों, डॉ. राजीव शाह, डॉ. बलविंदर राणा, डॉ. मंगल परिहार सहित 250 से हड्डी रोग विशेषज्ञ आएंगे। डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि विशेषज्ञ हड्डी की अत्याधुनिक सर्जरी व उसके आधुनिक इलाज पर चर्चा करेंगे।
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