राजधानी के कुर्सी रोड स्थित सेंटमेरी अस्पताल में मंगलवार को मरीज की सांसे उखड़ती देख अस्पताल प्रशासन ने केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। इतना ही नहीं ट्रामा सेंटर पहुंचने के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने आनन-फानन में मरीज को छोड़ चलते बने। कर्मचारियों को भागता देख,परिजनों का सब्र जवाब दे गया। परिजनों ने सेंटीमेरी अस्पताल में चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इतने में सेंटीमेरी अस्पताल के कर्मचारी मय एंबुलेंस फरार हो गये।
सीतापुर रेवसा निवासी लवकुश मिश्रा ३६ को बीते चार दिन पहले सिर में दर्द की शिकायत थी,परिजनों ने स्थानीय चिकित्सक को दिखाया। जिसके बाद मरीज को चिकित्सक ने लखनऊ के किसी बड़े चिकित्सक को दिखाने को कहा। उसके बाद परिजन मरीज को लेकर सेंटीमेरी अस्पताल पहुंचे। जहां पर मरीज को भर्ती कर चिकित्सकों ने इलाज शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि तीन दिन तक इलाज करने के बाद मरीज लगातार सोता ही रहा। मरीज की मां कमला देवी ने बताया कि मंगलवार दोपहर उनके बेटे की सांसे उखडऩे लगी, तब चिकित्सकों ने कहा कि अब मरीज को केजीएमयू ले जाओ। उसके बाद एंबुलेस से मरीज केजीएमयू भेज दिया।
आनन-फानन में ट्रामा से निकले निजी अस्पताल के कर्मचारी
सेंटमेरी अस्पताल के कर्मचारी मरीज को ट्रामा में उतारने के बाद मरीज को लगा ऑक्सीजन निकालने लगे,इस बात को लेकर परिजनों ने विरोध करना शुरू किया,परिजनों को विरोध करता देख एंबुलेंस लेकर चलता बना,वहीं दूसरे कर्मचारी ने किसी तरह ट्रामा के अंदर पहुंचाया और मौका पाकर वो भी चलता बना।
मरीज से एंबुलेंस के कर्मचारियों ने वसूले १ हजार
परिजनों की माने तो तीन दिन चले इलाज के दौरान अस्पताल ने ४५ हजार रुपये वसूल लिये,उसके बाद जब मरीज की हालत बिगड़ी तो अपने एंबुलेंस से ट्रामा सेंंटर भेजा। ट्रामा सेंंटर लाने के दौरान एंबुलेंस के कर्मचारियों ने २००० हजार रुपये की मांग कर डाली,किसी तरह १००० रुपये देने के बाद कर्मचारी माने।
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