विश्व हार्ट दिवस
लखनऊ। वर्तमान परिवेश में हार्ट की बचाव या नियंत्रण के लिए ए, बी, सी ,डी व ई फार्मूला को अपनाना चाहिए। इससे बीमारी का खतरा पचास प्रतिशत तक कम हो सकता है। कार्डियक डिजीज के लक्षण दिख रहे है, तो दवाओं से नियंत्रण पाया जा सकता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लॉरी कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डा. अक्षय प्रधान ने दी।
डा. प्रधान कार्डियक दिवस की पूर्व संध्या पर जागरूकता कार्यक्रम में कार्डियक डिजीज पर जानकारी दे रहे थे। डा. अक्षय प्रधान ने कहा कि हार्ट डिजीज से बचने के लिए ए, बी, सी ,डी व ई फार्मूला को जीवन में उतार लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि ए फार एल्कोहल सेवन से बचें। बी फार ब्लड प्रेशर नियंत्रण पर रखें। सी फार कोलस्ट्रांल को कम रखना चाहिए। डी फार डायबिटीज है तो कंट्रोल रखे या डाइट को सही रखें। ताकि डायबिटीज न हो सके। इसके बाद ई फार एक्सारसाइज लगातार किसी तरह यानी वॉक आदि करते रहना चाहिए। डा. शरद चंद्रा ने बताया कि वर्तमान में मोटापा कई बीमारियों का कारण बन रहा है, जिसमें कार्डियक डिजीज प्रमुख रूप से है। मोटापा से हर उम्र के लोगों को बचना चाहिए।
इसके लिए आहार विहार पर ध्यान देना चाहिए। वरिष्ठ डा.ऋषि सेठी ने बताया कि हार्ट अटैक आने पर समय पर इलाज आवश्यक है। नहीं तो मरीज की जान खतरे में आ सकती है।
डा. मोेनिका ने बताया कि अधिक उम्र में गर्भधारण करने में कार्डियक डिजीज होने की आशंका होती है। उन्होंने बताया कि कार्डिंयक डिजीज से बचाव के लिए महिलाओं के लिए गाइड लाइन तैयार करने के लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के सहयोग से अध्ययन कि या जा रहा है। इसके बाद गाइड लाइन तैयार की जाएगी।