लखनऊ। मंगलवार को राजधानी में मरीजों को इलाज में दिक्कतों का सामना कर पड़ेगा। कोलकाता की ट्रेनी डाक्टर की हत्या के प्रकरण में केजीएमयू, लोहिया संस्थान व पीजीआई के रेजीडेंट डाक्टर हड़ताल पर रहेंगे। इनकी हड़ताल से ओपीडी के अलावा सर्जरी का काम प्रभावित तो होगा ही, साथ ही वार्डो में भर्ती मरीजों को समय पर इलाज मिलने पर दिक्कत आयेगी। हालांकि रेजीडेंट डाक्टरों ने इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखने का दावा किया है।
केजीएमयू में सोमवार को भी रेजीडेंट डाक्टर ग्यारह बजे तक कामकाज ठप कर दिया था, लेकिन लोहिया संस्थान व पीजीआई के रेजीडेंट डाक्टर कामकाज ठप नहीं कि ये थे, परन्तु कै ंडिल मार्च शाम को निकाला था। मंगलवार को लोहिया संस्थान व पीजीआई के रेजीडेंट भी पूरी तरह से काम काज ठप रखेंगे।
केजीएमयू चिकित्सक संघ ने किया रेजिडेंट डॉक्टरों का समर्थन
केजीएमयू फैकल्टी फोरम के सदस्य, डॉ.केके सिंह ने बताया कि आम तौर पर केजीएमयू का फैकल्टी फोरम इन हड़ताल व विरोध प्रदर्शन सेे दूर रहता हैं। परन्तु आज रेजिडेंट डॉक्टरों की पीड़ा सुनकर केजीएमयू चिकित्सक शिक्षक संघ ने यह निर्णय लिया हैं कि उनके रेजीडेंट डाक्टरों के प्रोटेस्ट को हमारी तरफ से पूरा समर्थन हैं। यदि वह सभी मार्च निकालेंगे, तो हम सब उसमें भी उनका साथ देंगे। डा. केके सिंह ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या रेजिडेंट डॉक्टरों की हैं, उनके बिना सभी मरीजों का इलाज संभव नही हैं। फिलहाल सभी वरिष्ठ डाक्टर अपने -अपने विभागों में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए लगातार प्रयास कर रहे है।
सोमवार को 12 बजे के बाद नए पर्चे इसलिए नही बने, क्योंकि मरीजों को बलरामपुर और सिविल जैसे अस्पतालों में जाने का अवसर दिया गया। यदि, ऐसा नही किया जाता तो तीन बजे के बाद यदि, उनको इलाज न मिल पाता तो फिर जब वो वापस लौटते तो कही भी उनको इलाज न मिल पाता। केजीएमयू के चीफ प्रॉक्टर डॉ.क्षितिज श्रीवास्तव ने बताया कि कोलकाता की घटना को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स पीस फुल प्रोटेस्ट कर रहे हैं। आज कैंडल मार्च भी निकालेंगे। वहीं, मरीजों को मिलने वाले इलाज पर इसका क्या असर हो सकता है। हालांकि, हम लोगों की कोशिश हैं कि सभी मरीजों को बिना किसी रुकावट के इलाज मिलता रहें।