.लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में मरीजों को भर्ती होते ही पहले 24 घंटे निशुल्क इलाज का दावा खोखला साबित हो रहा है। योजना की घोषणा के दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक बजट नहीं मिल पाया है। फिलहाल मरीजों को वर्तमान में इलाज के लिए धनराशि खर्च करनी पड़ रही है।
इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में मरीजों के इलाज के लिए लगभग 400 बिस्तर है। इसके अलावा 130 से ज्यादा स्ट्रेचर है, जिनका मरीजों को लाने ले जाने के लिए प्रयोग करने के साथ ही बिस्तर खाली न होने पर इलाज के लिए प्रयोग कि या जाता है। आंकड़ों के अनुसार इमरजेंसी में लगभग 300 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते है। जिनमें काफी मरीजों को भर्ती करने के इलाज करना पड़ता है।
ऐसे में मरीज या तीमारदार को इलाज कराने के लिए लाइन में लगकर पर्चा बनवाने से लेकर पैथालॉजी, डायग्नोस्टिक काउंटर पर जाकर शुल्क जमा करना पड़ता है। इन सबसे बचकर मरीजों का बेहतर इलाज के लिए पहले 24 घंटे इलाज निशुल्क करने की घोषणा की गयी थी। बताया जाता है कि केजीएमयू प्रशासन एक मई से मरीजों को निशुल्क इलाज देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए एस ओपी बनवा ली गयी है। मरीजों को तत्काल मुफ्त इलाज देने के लिए पूरा सिस्टम तैयार करना होगा। इसमें आवश्यक दवाओं के साथ ही गाज पट्टी सहित अन्य प्राथमिक इलाज के लिए संसाधन को रखना होगा। इसके अलावा अलग स्टाफ की तैयार करना होगा। जो कि मरीज का इलाज करने के लिए तैयार रहे।