लखनऊ। देश में पहली बार आयोजित किए गए इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ पेडियाट्रिक यूरोलॉजी में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पेडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एस एन कुरील की रिसर्च को बेस्ट पेपर के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पेडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. कनौजिया सुनील के फीमेल इक्स्ट्रॉफी को सर्वश्रेष्ठ सर्जिक ल वीडियो को सिडनी के जाने माने विशेषज्ञ ग्राहम स्मिथ और यूएसए के एंड्रयू किर्श ने बेस्ट वीडियो के खिताब से नवाजा है। प्रो. कुरील ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इस बीमारी में बच्चों (लड़कों) की पेशाब लीक होने की समस्या हो जाती है, जिसे इपिस्पैडियस नामक बीमारी कहा जाता है।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा प्रयोग की गई नई तकनीक के बाद इस बीमारी से पूर्ण रूप से मरीज को लाभ मिलता है। इससे पहले इस बीमारी में होने वाले ऑपरेशन में लिंग के पास स्थित मांसपेशिया और नस कट जाया करती थी और पेशाब लीक होने की समस्या दोबारा शुरू हो जाती थी। प्रो. कुरील ने कहना है कि पहली बार इस तरह की सर्जरी में नयी तकनीक का प्रयोग किया गया और तंत्रिकाओं को बिना नुकसान पहुंचाए, बिना ही सफल ऑपरेशन किया गया। इसके बाद मरीज को पेशाब करने पर पूर्ण नियंत्रण था और वह पूर्णता स्वस्थ हो जाता है।
उन्होंने बताया कि आम आदमी में पेशाब करने का रास्ता लिंग के शीर्ष पर होता है, लेकिन ऐसे मामले में यह पीछे की तरफ होता है, जिसकी वजह से पेशाब लगातार लीक होता रहता है। इससे पूर्व इस ऑपरेशन को करते समय पेशाब नियंत्रित करने की मांसपेशी आर लिंग में तनाव पैदा करने वाली नस को नुकसान पहुंच जाता था। उनके प्रयोग किए गए इस नए तरीके को अमेरिका के हॉवर्ड मेडिकल स्कूल , बोस्टन के स्टुअर्ट बाउर ने अपनी मानकों पर परखा आैर इसे सर्वश्रेष्ठ शोध घोषित किया। उन्होंने बताया कि यह बीमारी हर 30 हजार बच्चों में से किसी एक बच्चे को होती है। यह ऑपरेशन लगभग 5 से 6 घंटे में पूरा होता है।
इस रिसर्च में सहयोग करने वाली टीम में डॉ एस एन कुरील के साथ डॉ के सुनील, डॉ. ए गुप्ता तथा डॉ. वी बोथरा शामिल थे। इस कान्फ्रेंस में ही डॉ. के सुनील द्वारा तैयार और प्रस्तुत किए गए फीमेल इक्स्ट्रॉफी को सर्वश्रेष्ठ वीडियो के सम्मान से नवाजा गया। इस बीमारी में लड़कियों में नियमित रूप से पेशाब लीक होता रहता है और उसमें से गंध आती रहती है, लेकिन डॉ. के सुनील द्वारा इस पर किए गए रिसर्च एवं इलाज के वीडियो को इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ वीडियो का खिताब दिया गया है।
इस वीडियो को तैयार करने वाली टीम में डॉ. के. सुनील के साथ प्रो. एस. एन कुरील, डॉ. ए. गुप्ता तथा एनेस्थीसिया टीम में डॉ. जीपी सिंह एवं डॉ. विनीता सिंह शामिल थी। इस अवसर पर केजीएमयू के कुलपति प्रो. एम एल बी भट्ट ने डॉ के सुनील द्वारा चिकित्सा विश्वविद्यालय का सम्मान बढ़ाए जाने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वह भविष्य में इसी प्रकार से चिकित्सा संस्थान का गौरव बढ़ाने का शोध कार्य जारी रखेंगे।
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