पैरों की नसों के इलाज में ग्लू थेरेपी कारगर : डॉ. यशपाल

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Pratikatmak Chitra

लखनऊ। लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने पर पैरों में कमजोरी, भारीपन या दर्द होना आम बात है। ये लक्षण अक्सर आम जीवनशैली की समस्याएं मानकर नजरंदाज हो जाते हैं, पर ये नसों की किसी पुरानी समस्या या रोग का लक्षण भी हो सकते हैं।
हृदय को खून पहुँचाने में नसों की अहम भूमिका होती है। खून के प्रवाह में मदद करने के लिए नसों में वन-वे वॉल्व होते हैं, जो खून को उल्टी दिशा में बहने से रोकते हैं। जब ये वॉल्व कमजोर हो जाते हैं या काम नहीं कर पाते हैं, तो नसों में खून इकट्ठा होने लगता है, जिसकी वजह से दबाव और बेचैनी बढ़ जाते हैं। इस स्थिति में पैरों में सूजन, दर्द या ऐंठन महसूस होने लगते हैं।

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वेरिकोज वेन्स होने पर नसें मुड़ जाती हैं और फूल जाती हैं, तथा स्पष्ट रूप से उभरी हुई दिखाई देने लगती हैं। लेकिन नसों की समस्या होने पर हर किसी को समान लक्षण महसूस होना जरूरी नहीं। कुछ लोगों की नसें उभरी हुई दिखाई नहीं देती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सूजन और बेचैनी महसूस हो सकती है। अगर नसों की समस्या का इलाज न कराया जाए, तो ज्यादा गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। त्वचा का रंग बदल सकता है तथा अल्सर या सूजन हो सकती है। समय पर लक्षणों की पहचान करके समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है।
ग्लू थेरेपी एक आधुनिक और नॉन सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें प्रभावित नस में मेडिकल एधेसिव डाला जाता है। यह एधेसिव नस को बंद कर देता है, जिससे यह सिकुड़ जाती है और खून दूसरी स्वस्थ नसों से प्रवाहित होने लगता है। पारंपरिक सर्जरी के विपरीत ग्लू थेरेपी के बाद कम्प्रेशन स्टॉकिंग की जरूरत नहीं पड़ती है और मरीज जल्द ही अपनी दैनिक गतिविधियाँ फिर से शुरू कर सकते हैं। यह सर्जरी लोकल एनेस्थेसिया देकर की जाती है तथा इसमें डाउनटाईम लगभग न के बराबर होता है।

डॉ. यशपाल सिंह, एसोशिएट डायरेक्टर, वैस्कुलर एवं एंडोवैस्कुलर सर्जरी, अपोलोमेडिक्स हॉस्पटल ने बताया कि जहाँ पारंपरिक सर्जरी में बड़े चीरे लगाकर नसों को हटाना पड़ता था, वहीं मिनिमली इन्वेज़िव प्रक्रियाओं ने इलाज को बहुत छोटे चीरे के साथ काफी आसान बना दिया है। इनमें से एक ग्लू थेरेपी है, जो काफी आशाजनक परिणाम प्रदान करती है।

नसों में सूजन या पैरों में भारीपन के लक्षण स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए जैसे ही ये लक्षण दिखाई दें, फौरन डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि ग्लू थेरेपी जैसे कम इन्वेज़िव और प्रभावशाली विकल्पों द्वारा जटिलताओं को बढ़ने से रोका जा सके।
नसों की समस्या में ग्लू थेरेपी इलाज का एक सुरक्षित और प्रभावशाली समाधान है, जिसके द्वारा मरीज बहुत जल्द अपनी दैनिक गतिविधियाँ फिर से शुरू कर सकता है।

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