तीन नहीं चार महीने बाद ब्लड डोनेट कर सकेगी फीमेल

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ब्लड प्रेशर के मरीज कर सकेंगे ब्लड डोनेशन

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लखनऊ। स्वैच्छिक रक्तदान करने के मानक बदल गये है। नये मानक के अनुसार अब ब्लड प्रेशर के मरीज भी रक्तदान कर सकता है। बशर्ते उसका ब्लड प्रेशर सामान्य हो आैर एक ही दवा नियमित चल रही हो। इसके अलावा मंिहलाएं रक्तदान अब चार महीने बाद ही कर सकती है, जबकि पुरुष रक्तदान पहले की तरह ही तीन महीने में बाद सकते है। रक्तदान करने के मानकों में परिवर्तन हो गये है, जो कि लागू भी हो गये है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख व ब्लड बैंक प्रभारी डा. तूलिका चंद्रा ने दी।

डा. तूलिका चंद्रा ने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान जागरूकता के कारण दस प्रतिशत बढ़ा है, फिर भी अभी जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों में अभी भी भ्रांतियां बनी हुई है। इन्हें जागरूकता के माध्यम से दूर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने में नये मानक लागू किये गये है। पहले ब्लड प्रेशर का मरीज रक्तदान नहीं कर सकता था। अब नये नियम के अनुसार ब्लड प्रेशर सामान्य है आैर एक ही दवा एक महीने से ब्लड प्रेशर निंयत्रंण के लिए सेवन कर रहा है आैर दवा बदली न जा रही है। तो वह रक्तदान डाक्टर की स्क्रींिनंग के बाद कर सकता है। इसके अलावा रक्तदान महिला व पुरुष के लिए तीन महीने बाद ही कर सकते थे। अब महिला चार महीने बाद रक्तदान कर सकेगी आैर पुरुष पहले की तरह ही तीन महीने बाद ही रक्तदान कर सकते है। उन्होंने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान करने से पांच प्रतिशत हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है।


्् इसके अलावा ब्लड की स्क्रीनिंग में एचआई, हेपेटाइटिस बी व सी की जांच के अलावा मलेरिया व अन्य जांच भी हो जाती है। ब्लड की सभी जांच की जानकारी व्यक्तिगत ही जाती है। उन्होंने बताया कि स्वंयसेवी संगठनों ने ब्लड डोनेशन की संख्या बढ़ाई है। लगातार ब्लड डोनेशन हो भी रहे है, फिर भी अभी जागरूकता की कमी के कारण ब्लड डोनेशन गति नहीं पकड़ा है। युवा वर्ग जागरूक हो रहा है।

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