लखनऊ। पीजीआई के कर्मचारियों द्वारा प्रस्तावित कार्य बहिष्कार और हड़ताल को निदेशक द्वारा एक हफ्ते टालने के मुद्दे पर कर्मचारी कतई तैयार नही हैं। एम्स के समान भत्ते का भुगतान और नियमावली के संशोधन हेतु कर्मचारी नेता आन्दोलन का मूड बना चुके हैं। कर्मचारी संगठन का कहना है कि एक जनवरी से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार समेत अन्य आन्दोलनों में कोई फेरबदल नही किया जायेगा। आन्दोलन के लिए कर्मचारी द्वारा बनायी गई कोर कमेटी ने बुधवार को आन्दोलन का कार्यक्रम जारी कर दिया है।
बृहस्पतिवार को कोर कमेटी के पदाधिकारी कर्मचारियों के नेतृत्व में 27 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक संस्थान के जिम्मेदार अधिकारयों से वार्ता और उनका घेराव करेंगे। नये साल में एक जनवरी से तीन जनवरी के मध्य संस्थान में कार्य बहिष्कार हेतु जागरुकता कार्यक्रम। चार से छह जनवरी तक इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कार संस्थान में समस्त कार्यों का बहिष्कार होगा। सात जनवरी से पूरी तरह से हड़ताल होगी। संस्थान के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार संस्थान के स्थापना से मिल रहे एम्स के समान भत्ते न देकर प्रदेश सरकार के अनुसार देना चाह रही है। जो बिल्कुल सरासर गलत है। इससे कर्मचारियों में बड़ा आक्रोश है।
संस्थान के समस्त कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल करेंगे। इस दौरान संस्थान में भर्ती मरीजों, ओपीडी समेत अन्य सभी सेवायें प्रभावित होंगी। इसके लिए शासन -प्रशासन जिम्मेदार होगा।
कोर कमेटी में डीके सिंह, सरोज वर्मा, सतीश मिश्रा, राम कुमार सिन्हा,रेखा मिश्रा, सीएल वर्मा, केके तिवारी, एनपी श्रीवास्तव, तुलझी झा, धर्मेश कुमार, सावित्री सिंह, सुनीता सिंह, सीमा शुक्ला, सुजान, महिपाल, अमर सिंह व सुनील यादव का नाम शामिल है।
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