अरेंज्ड मैरिज करने वालों के लिए शादी का शुरुआती साल किसी इम्तिहान से कम नहीं होते। एक ऐसा इंसान आपका हमसफर होता है, जो कुछ महीनों पहले आपके लिए अजनबी था। ये एक साल यदि आपसी समझदारी और प्यार के बूते निकाल लिए जाएं तो आगे की राह आसान हो जाती है। यदि आप भी गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने जा रहे हैं तो जानिए कि इस एक साल को कैसे खुशनुमा और यादगार बनाया जा सकता है।
शादी के बाद लड़के और लड़की दोनों को ही एक बड़े बदलाव के दौर से गुजरना पड़ता है। पार्टनर के साथ तालमेल बनने में कुछ समय लगता है। हनीमून का समय बहुत तेजी से बीत जाता है और फिर शुरू होती है वास्तविक जिंदगी, जिसमें दोनों की भूमिकाएं काफी हद तक बदल जाती हैं। ऐसी स्थिति में कुछ तनाव और परेशानियां भी आती हैं, लेकिन समझदारी से इन पर काबू पाया जा सकता है। देखें शादी के बाद एक साल के समय किन बातों का ध्यान रखना होता है। शादी का शुरुआती साल सफल वैवाहिक जीवन की मजबूत नींव बन सकता है बशर्ते पति-पत्नी में प्यार और बेहतर आपसी समझ हो।
जानिए कैसे गुजारें शादी का पहला साल ?
सोच को बदलें –
शादी के बाद पति का परिवार ही पत्नी का अपना हो जाता है। ऐसे में पत्नी को अपनी सोच को काफी बदलना पड़ सकता है। परिवार के हर सदस्य के प्रति उसकी भूमिका अहम होती है। पत्नी को पति के दोस्तों खास शुभचिंतकों के बारे में भी जानकारी लेनी चाहिए।
खर्च में कटौती –
पति-पत्नी अपने खर्चों की एक लिस्ट तैयार करें। अच्छे आर्थिक भविष्य के लिए लाइफस्टाइल से जुड़े खर्चों में कटौती करनी चाहिए। बैंक की सावधि जमा योजनाओं में निवेश किया जा सकता है। ध्यान रखें आर्थिक मजबूती भी सफल शादी के लिए बहुत जरूरी है।
काउंसलिंग का सहारा –
यदि पत्नी शादी के काफी समय बाद भी तालमेल नहीं बना पा रही तो गुस्सा होने के बजाए उसकी समस्या को भी समझें। उनसे जानने की कोशिश करें कि वह परिवार में घुल-मिल क्यों नहीं पा रही। हो सके तो इसके लिए काउंसलिंग का सहारा भी ले सकते हैं।
उनका साथ दें –
लड़कों को समझना होगा कि उनकी बैचलर लाइफ खत्म हो चुकी है। पहले की तरह दोस्तों से मिलना शादी के बाद सम्भव नहीं होता। दोस्तों से मिलना कम करना होगा। घर के माहौल में एडजस्ट करने की कोशिश कर रही पत्नी को आपके साथ की बेहद जरूरत है।
कम्यूनिकेशन बढ़ाएं –
शादी के बाद लड़कियां अक्सर नए माहौल में एडजस्ट नहीं कर पाती हैं। नई जिम्मेदारियों के कारण लड़की कई बार अवसाद में आ जाती है। यदि आप घर के लोगों से एडजस्ट नहीं हो पा रहे तो आपको खुलकर परिवार के सामने अपनी बात रखनी चाहिए।