घोर तपस्या के बाद प्रकट हुईं माता जगदंबा :डॉ. कौशलेन्द्र

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शिव विवाह प्रसंग में भाव विभोर हुए श्रद्धालु: डॉ. कौशलेन्द्र

बालपुर/गोण्डा। श्री मद् भागवद् फाउंडेशन द्वारा आयोजित संगीतमय देवी भागवत कथा का आयोजन शिवा नगर सोनहरा दक्षिणी माता प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर कथा व्यास डॉ. कौशलेंद्र महाराज ने सती की महिमा, वराह कथा, हिरण्याक्ष वध, शिव-पार्वती विवाह और मनु-सतरूपा वंश वर्णन जैसे प्रसंगों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।

डॉ. कौशलेंद्र महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर माता जगदंबा ने उन्हें दर्शन दिए और उनके घर में कन्या रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। इस वरदान के फलस्वरूप माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं।

जब माता पार्वती युवा हुईं, तो पर्वतराज को उनके विवाह की चिंता सताने लगी। महाराज ने बताया कि पार्वती जी बचपन से ही भगवान भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन महर्षि नारद पर्वतराज के घर आए और उन्होंने पार्वती और भोलेनाथ के विवाह का संयोग बताया।

विवाह के दिन जब भगवान शिव नंदी पर सवार होकर भूत-पिशाचों के साथ बारात लेकर पहुंचे, तो यह दृश्य देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित रह गए। लेकिन माता पार्वती ने प्रसन्नतापूर्वक भोलेनाथ को अपने पति के रूप में स्वीकार किया। इस प्रसंग को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।

कार्यक्रम के अंतर्गत ‘अवध और अवधी के सम्मान’ का आयोजन भी किया गया, जिसमें रमेश दूबे ‘रमेसवा’, ममता संदीपन मिश्रा, रेनू, अखिलेश शुक्ला, अवधेश रंजन तिवारी ‘टाइगर’, बबलू शुक्ला, अनमोल पाण्डेय, रमेश तिवारी, मैन मिश्रा सहित कई गणमान्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।

कथा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति देखी जा रही है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ आस-पास के गांवों से भी श्रद्धालु कथा श्रवण हेतु पहुंच रहे हैं। कथा के उपरांत रोज श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है तथा भंडारे की भी समुचित व्यवस्था की गई है।

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