न्यूज। साबरबुलिंग का अनुभव करने वाले किशोरों में नींद की कमी आैर अवसाद के लक्षण दिखने की आशंका बनी रहती है। एक अध्ययन में यह जानकारी मिली है। अध्ययन के लिये शोधकर्ताओं ने ऑनलाइन धौंसबाजी आैर अवसाद के बीच संबंध का गहन अध्ययन करते हुए परीक्षण किया। यह अध्ययन साइबर हमलों के शिकार लोगों आैर नींद की गुणवत्ता के बीच संबंध का पता लगाने वाले कुछ अध्ययनों में शुमार है।
अमेरिका में बफलो विश्वविद्यालय से शोधकर्ताओं ने 800 से अधिक युवाओं में नींद की गुणवत्ता, साइबर दबाव आैर अवसाद का सर्वेक्षण किया। बफलो विश्वविद्यालय में मिसोल क्वोन ने कहा, ” इंटरनेट आैर सोशल मीडिया पर साइबर हमला लोगों को पीड़ित बनाने का नया तरीका है आैर डिजिटली सक्रिय रहने वाले किशोरों के बीच मानसिक स्वास्थ्य का उभरता खतरा है।”
अवसाद के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से किशोरों के स्कूल का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है या संबंधों में तनाव आ सकता है अथवा उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ सकती है।
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