पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक विभाग के प्रमुख डॉ. अजय सिंह को बेस्ट पेपर अवार्ड

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक विभाग के प्रमुख डॉ. अजय सिंह को पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक सोसायटी ऑफ इंडिया की ओर से अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में बेस्ट पेपर का अवार्ड दिया गया है। इस शोध में ब्लड की जांच से ही पैर की विकृति सर्जरी से ठीक होगी या प्लास्टर से ठीक हो सकेगी। डा. अजय सिंह ने बताया कि जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों का अब सटीक इलाज हो सकेगा। एक ब्लड जांच के जरिए अब पता चल जाएगा कि विकृति प्लास्टर से ही सही हो जाएगी या ऑपरेशन करना होगा। इससे समय पर सटीक इलाज और पैसे की भी बचत होगी। केजीएमयू के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग के हेड डॉ. अजय सिंह ने प्रभावित करने वाले जीन की पहचान की है।

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उन्होंने बताया कि करीब 30 फीसदी बच्चे जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर वाले पैदा होते हैं। इसके कारणों का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों का इलाज काफी जटिल होता है। इसमें सबसे पहले नॉर्मल प्लास्टर लगाया जाता है। उसके बाद भी ठीक नहीं होता है तो ऑपरेशन करना पड़ता है। ऐसे में एक लंबी प्रक्रिया होती है। उन्होंने बताया कि प्रयास यह था कि एक ऐसे जीन की पहचान की जाए जिससे पता लगाया जा सके कि पैर प्लास्टर से ठीक होगा या ऑपरेशन करना होगा। शोध के दौरान पता चला कि इसमें सी-677टी म्यूटेशन एट एमटीएचएपआर नामक जीन है। इसकी मदद से पता चल सकेगा कि पैर को सही करने के लिए ऑपरेशन करना होगा या प्लास्टर से ही काम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि कारणों पर शोध अभी भी किया जा रहा है।

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