दो बार शिकायत मिलने पर निरस्त हो सकते है ब्लड बैंकों के लाइसेंस

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लखनऊ। एफएसडीए के अधिकारी ज्यादातर ब्लड बैंको की जांच के दौरान कमी पाने पर तत्काल नोटिस देकर कार्रवाई करने की चेतावनी दे देते है। राजधानी में कई ऐसे ब्लड बैक है, जिनमें गड़बड़ी हर बार जांच करने पर मिलती है आैर नोटिस भी थमायी जाती है। लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती है आैर कु छ समय बाद क्लीन चिट मिल जाती है। अगर देखा जाए तो ब्लड बैकों में खामियों की शिकायत पर पिछले वर्ष एफएसडीए की टीम ने जीसीआरजी, कैरियर, निदान, बीएनके, नोवा, फातिमा, सेंट जोसेफ, डिवाइन और मेडिसन सहित कई ब्लड बैंकों पर छापा मारा था। जांच के दौरान बैंको में मानकों में पायी गयी थी।

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यही नहीं ऐसी कमियंा जो मरीज के लिए जान की दिक्कत पैदा कर सकती थी। बैंकों में जांच के दौरान स्क्रीनिंग के दौरान प्रयोग होने वाली मशीन खराब थी, कहीं पर बैंको के स्टोरेज व उपकरणों में गंभीर गड़बड़ी थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार दो ब्लड बैंको में तो वातानुकूलित करने की व्यवस्था तक नहीं थी। गंदगी के कारण संक्रमण भी होने की आशंका भी मिली थीं। जांच टीम ने इन ब्लड बैंकों को नोटिस तो थमा दी गई, लेकिन आगे की कार्रवाई में क्या हुआ । परिणाम का जानकारी नहीं हो पायी। यही नहीं कुछ ब्लड बैंको को क्लीन चीट भी दे दी गई।

इनमें बीएनके और मेडिसन हॉस्पिटल एंड ब्लड बैंक में इस बार भी गड़बड़ी मिली है।अगर नोटिस के बाद गंभीरता से कार्रवाई होती तो परिणाम कुछ आैर भी हो सकता था। बताया जाता है कि अब फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी जागे है आैर दो बार से ज्यादा शिकायत मिलनेपर लाइसेंस तक निरस्त करने की विचार चल रहा है।

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