लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में मरीज को इलाज के दौरान समय पर खून न मिलने से बुधवार को मौत हो गई। तीमारदारों का आरोप है कि डोनर की व्यवस्था न हो पाने से उसे खून नहीं मिला। इससे इलाज दौरान हालत तेजी से बिगड़ती गयी आैर उसकी मौत हो गई। नाराज तीमारदारों ने डॉक्टर-स्टॉफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। तीमारदारों का आरोप है कि डॉक्टर से कई बार बिना डोनर ब्लड देने की गुहार लगायी गयी आैर उसकी गंभीरता से भी अवगत कराया गया, परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई जो कि मौत का कारण बन गया। तीमारदारों ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत सीएम से करने की बात कही है।
बताते चले कि वजीरगंज मूंगफलीमंडी निवासी नीलू (20) को बीती 4 फरवरी को बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया था। जहां से उसे वार्ड नंबर 7 के बेड नंबर 20 पर भेज दिया गया था। डाक्टरों के अनुसार मरीज के शरीर में खून की कमी बनी हुई थी। डॉक्टरों ने फौरन दो यूनिट ब्लड की लाने के लिए कहा था, उसकी मां मालती पास उस वक्त कोई भी रक्तदाता नहीं था। उन्होंने कहा कि रक्तदाता की व्यवस्था कर रहे है। इस दौरान 24 घंटे से अधिक समय गुजर गया। बुधवार दोपहर करीब एक बजे ब्लड न चढ़ने से उसकी अचानक हालत तेजी से बिगड़ने लगी। तीमारदारों ने नर्स के जरिए डॉक्टर को बुलाया।
मौके पर आए डॉक्टरों ने मरीज पर करीब बीस मिनट तक सीपीआर किया मगर उसकी सांसें उखड़ गई। मां मालती का आरोप है अस्पताल के अधिकारियों से अनुरोध किया गया था कि बिना डोनर खून देने की डिमांड की गई थी आैर उनके डोनर के आने पर रक्तदान कराने के लिए कहा गया था। मगर कोई जिम्मेदार अधिकारी व डाक्टर राजी नहीं हुए। खून के अभाव में बेटे की मौत हो गई। इसके बाद मामले को दबाने के लिए अफसरों ने गुपचुप तरीके से शव वाहन मुहैया कराकर शव घर भिजवा दिया।
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