लखनऊ. अब लापता डॉक्टरों का पता आसानी से जाना जा सकेगा. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने अब डॉक्टरों के पंजीकरण को आधार से जुड़ना शुरू कर दिया है ताकि उनकी वास्तविक स्थिति का पता चल सके. बताते चलें देश में 1947 के बाद अब तक लगभग 10 .11 लाख डॉक्टर ही रजिस्टर्ड है. इनमें कितने सक्रिय होकर महिलाओं का इलाज कर रहे हैं यह एमसीआई को भी नहीं मालूम है. इसलिए अब डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन को आधार से जोड़ने का काम शुरू हो गया है ताकि उनकी असलियत पता चल सके कि वह कहां सक्रिय है या नहीं. अगर आंकड़ों को देखा जाए तो एमसीआई के रजिस्ट्रेशन रजिस्टर में 31 दिसंबर 2016 तक लगभग 1012428 डॉक्टर रजिस्टर्ड है. एमसीआई का मानना है अगर विशाल MBBS का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले डॉक्टरों को भी काउंट किया जाए तो लगभग 55000 डॉक्टर और बढ़ जाएंगे.
लापता डॉक्टरों को पता करने के लिए लाइव रजिस्टर बनाने का काम कुछ वर्षों पहले शुरू हुआ था ,लेकिन इसमें उम्मीद के अनुसार रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाए थे. एमसीआई ने सभी डॉक्टरों को अपने रजिस्ट्रेशन को े आधार से लिंक करने का निर्देश दे दिया है. यह व्यवस्था इन डॉक्टरों के लिए होगी जो प्रैक्टिस काम करते हैं और क्लीनिकल लाइन सर्जरी कार्य कर रहे हैं. बताते हैं की सक्रिय डॉक्टरों की संख्या छैला के आस-पास है बताया जाता है इनमें एक लाख से ज्यादा डॉक्टर विदेश में जाकर काम करने लगे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अरुण सिंघल का भी मानना है आधार से जुड़ने के बाद डॉक्टरों की सटीक संख्या पता चल सकेगी और यह एक बेहतर कार्य होगा इससे यह पता चल सकेगा देश में सक्रिय रहने वाले डॉक्टरों की कुल संख्या कितनी है.