50 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास दिलाने का लक्ष्य

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• केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तय किया लक्ष्य
• दिसंबर 2025 तक 50 प्रतिशत और दिसंबर 2026 तक सभी स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

लखनऊ।प्रदेश सरकार सूबे की 50 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों को अगले साल के अंत तक नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) प्रमाणित कराने की मंशा रखती है। बीते साल के अंत में देश के सभी मुख्य सचिव की हुई बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह लक्ष्य सभी राज्यों को निर्धारित किया है। इसके मुताबिक दिसंबर 2025 तक प्रदेश की 50 प्रतिशत और दिसंबर 2026 तक सभी स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेना है। इंटरनेशनल सोसाएटी फार क्वालिटी इन हेल्थ केयर (आईएसक्यूयूए) से प्रमाणित होने के कारण एनक्वास सर्टिफाई स्वास्थ्य इकाइयां अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा कर रही हैं।

 

 

 

 

 

 

नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर (एनएचएसआरसी) के नेशनल क्वालिटी एसेसर डॉ. मुस्तफा खान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग का जोर सभी स्वास्थ्य केंद्रों को एनक्वास प्रमाणित कराने पर इसलिए है ताकि मरीजों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकें और आमजनों के बीच सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता और बढ़े। एनक्वास के मानक भी मुख्य रूप से सेवा प्रदाताओं के लिए अपनी गुणवत्ता का आकलन कर सुधार करने और प्रमाणन के लिए अपनी सुविधाओं को बेहतर करने के लिए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रदेश में इस वक्त कुल 31139 स्वास्थ्य केंद्र हैं जिनमें 25754 सब सेंटर, 4306 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), 971 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और 108 जिला अस्पताल हैं। इनमें से अब तक 194 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास मिल चुका है जिनमें प्रदेश के 63 जिला अस्पताल, 44 सीएचसी, 23 पीएचसी, 2 यूपीएचसी व 62 सब सेंटर शामिल हैं। प्रयागराज में तीन, लखनऊ, बाराबंकी, गाजियाबाद, महराजगंज. प्रतापगढ़ और सहारनपुर में दो-दो सीएचसी को एनक्वास मिल चुका है। इसके अलावा कौशांबी में तीन, फतेहपुर, कानपुर देहात व मिर्जापुर मे दो-दो पीएचसी को एनक्वास हासिल है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बीते जनवरी में लखनऊ में हुई प्रदेशस्तरीय कार्यशाला में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने भी इस ओर इशारा किया था। उन्होंने मौजूद सभी अपर निदेशक व नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जिन जिलों में एक भी स्वास्थ्य केंद्र को एनक्वास सर्टिफिकेट मिला है वहां अधिकारी अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों को एनक्वास के लिए तैयार करें क्योंकि उन्होंने एक स्वास्थ्य केंद्र को प्रमाण पत्र दिलवाया है तो दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों को उसी मापदंड पर तैयार करना उनके लिए मुश्किल काम नहीं हैं।

एनक्वास के मानक

 

 

 

 

 

 

• सेवा प्रावधान – इस क्षेत्र में चार मानक हैं जो उपचारात्मक, आरएमएनसीएच+ए, डायग्नोस्टिक्स सेवाओं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत सेवाओं की उपलब्धता को मापते हैं
• मरीजों के अधिकार- इस क्षेत्र में भी चार मानक हैं। ये मानक मरीजों के अधिकारों के विभिन्न पहलुओं को मापते हैं जैसे सूचना की उपलब्धता, भौतिक पहुंच, गोपनीयता सुनिश्चित करना, अनिवार्य मुफ्त सेवाओं की उपलब्धता और योजना प्रोत्साहन का प्रावधान
• इनपुट- इस क्षेत्र में पांच मानक हैं, जो आवश्यक बुनियादी ढांचे, भौतिक सुरक्षा, कुशल मानव संसाधन, दवाओं, उपभोग सामग्रियों, उपकरण और उपकरणों की उपलब्धता को मापते हैं
• सहायता सेवाएँ – इस क्षेत्र में कुल आठ मानक हैं। ये मानक उपकरण रखरखाव, इन्वेंट्री प्रबंधन और कपड़े धोने, आहार, हाउसकीपिंग और पावर बैकअप जैसी सहायक सेवाओं के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं से संबंधित हैं। इस क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन, निगरानी और मानव संसाधनों के प्रशासन के मानक भी शामिल हैं
• क्लीनिकल सेवाएँ – इस क्षेत्र में पंद्रह मानक हैं जो पीएचसी में क्लीनिकल सेवाओं की गुणवत्ता को मापते हैं। इसमें परामर्श, प्रवेश, मूल्यांकन, देखभाल की निरंतरता, नर्सिंग देखभाल, दवा सुरक्षा, मानक उपचार दिशानिर्देशों का उपयोग, आपातकालीन सेवाएं, प्रयोगशाला सेवाएं, चिकित्सा रिकॉर्ड और डिस्चार्ज प्रक्रिया पर मानक शामिल हैं। इस क्षेत्र के अंतर्गत पिछले छह मानक राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत अनिवार्य प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसवोत्तर देखभाल, नवजात देखभाल, बाल स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और नैदानिक सेवाओं से संबंधित नैदानिक प्रक्रियाओं से संबंधित हैं
• संक्रमण नियंत्रण- इस क्षेत्र के अंतर्गत हाथ धोने की सुविधाएं, व्यक्तिगत सुरक्षा, उपकरण प्रसंस्करण, पर्यावरण नियंत्रण और बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन
• गुणवत्ता प्रबंधन – इस क्षेत्र में गुणवत्ता टीम, आंतरिक और बाह्य गुणवत्ता आश्वासन, रोगी संतुष्टि सर्वेक्षण और मानक संचालन प्रक्रियाओं से संबंधित चार मानक शामिल हैं
• परिणाम – इस क्षेत्र में उत्पादकता, दक्षता, नैदानिक देखभाल और सेवा गुणवत्ता के संदर्भ में स्वास्थ्य इकाई के प्रदर्शन को मापने से संबंधित चार मानक हैं

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