मरीज हाथ जोड़ इलाज की करता रहा मिन्नतें, मिली मौत

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लारी कार्डियोलॉजी विभाग में रविवार देर रात मरीज की मौत के बाद तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया। तीमारदारों का आरोप है कि गंभीर मरीज खुद ही दर्द महसूस होने पर दोपहिया वाहन से इमरजेंसी लारी कार्डियोलॉजी में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे। आरोप है कि मौजूद डॉक्टरों के निर्देश पर तीन चार इंजेक्शन लगाने के बाद नाक और मुंह से ब्लडिंग होने लगी। इस लापरवाही पर मौजूद तीमारदारों ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। वायरल वीडियो में बिस्तर पर लेटे हुए मरीज को डॉक्टरों से हाथ जोड़कर सीने में अधिक दर्द होने की बात कहते हुए इलाज करने के लिए फरियाद करते दिखाया गया। आरोप है कि ड¬ूटी पर मौजूद डॉक्टर कई बार कहने के बाद भी देखने नहीं आ रहे थे। आरोप है कि वीडियों बनाने से मौजूद स्टाफ़ आक्रोशित हो गया। मरीज देखने से मना करते हुए तीमारदारों को बाहर निकाल दिया। आरोप है कि कुछ देर बाद मरीज की मौत हो गयी। सोमवार दोपहर मृतक मरीज के तीमारदारों ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर पुलिस से लिखित शिकायत कर कार्यवाई करने की मांग की है।

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दुबग्गा निवासी सैफ के मुताबिक ने पिता अबरार अहमद (55) का इलाज लारी से ही कई सालों से चल रहा था। रविवार रात लगभग 12:30 बजे उन्हें सीने में तेज दर्द होने लगा, वह खुद ही दोपहिया गाड़ी से छोटे भाई को लेकर लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग इलाज के लिए पहुंच गये। यहां सीने में तेज हो रहे दर्द होने की बात डॉ. नीरज कुमार को बतायी, आरोप है कि डा. नीरज के निर्देश पर तीन से चार इंजेक्शन लगाए गये। आरोप हैं कि इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद मरीज के नाक और मुंह से खून निकलने लगा।

तीमारदारों का कहना है कि खुद ही पिता जी डॉक्टर से हाथ जोड़कर अपनी जान बचाए जाने की फरियाद करने लगे, लेकिन संवेदनहीन डॉक्टरों ने एक न सुनी। वहां मौजूद तीमारदारों ने भी पिता को डॉक्टरों से उन्हें देखने के मिन्नतें की। इस मौजूद डॉक्टरों ने कह दिया यह ज्यादा शोर कर रहे हैं, इनके मरीज को नहीं देखा जाएगा। बेटे सैफ का आरोप है कि जब पिता की सांसे थम गयी।

तब डॉक्टरों ने उन्हें देखने पहुंचे। तब तक उनकी मौत हो गई। संवेदनहीन डाक्टरों ने एक टूक कहा कि उन्हें यहां से लेकर जाओ। मृतक के बेटे सैफ खान ने बताया कि वजीरगंज थाने में डॉ. नीरज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्यवाई करने की मांग की है। केजीएमयू के डा. सुधीर का कहना है कि बुजुर्ग मरीज को हार्ट डिजीज थी। वर्ष 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज की पुष्टि हो चुकी थी। हार्ट फेलियर की स्थिति में लाया गया था। आक्सीजन सपोर्ट पर डाक्टरों ने रखा, लेकिन हालत गंभीर होने पर वेंंिटलेंटर की आवश्यकता बतायी गयी। वेंटिलेंटर खाली न होने पर पीजीआई रेफर किया गया। इसके लिए एम्बुलेंस भी उपलब्ध करायी गयी थी।

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