लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित गुजरात राजस्थान बंगाल कोलकाता मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के होम्योपैथी छात्र – छात्राओं ने इंटर्नशिप करने के बाद अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय निकास परीक्षा (नेक्स्ट) का विरोध करना शुरू कर दिया है। देश भर के होम्योपैथी कालेजों के छात्रों ने नेशनल कमीशन फ ार होम्योपैथी के अलावा आयुष मंत्रालय, प्रधानमंत्री अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रीको पत्र भेजकर परीक्षा का विरोध करते हुए अनुरोध किया है कि परीक्षा वर्ष 2023 के बैच से परीक्षा लागू क ी जाए। छात्रों का कहना है कि आंदोलन करने पर मजबूर होगें या न्याय के लिए लिए न्यायालय की शरण में जाएंगे।
नेशनल कमीशन फ ार होम्योपैथी के अधिकारियों को भेजे गये पत्र में छात्रों का कहना है कि नेक्स्ट परीक्षा के लिए गजट 28 नवम्बर 2023 को आया है। अगर देखा जाए तो गजट में कहा गया है कि पंजीकरण व प्रैक्टिस करने के लिए नेक्स्ट परीक्षा देना अनिवार्य होगा। गजट में बताया गया है कि वर्ष 2018 बैच को यह परीक्षा देना अनिवार्य होना। इंटर्नशिप के बाद बिना परीक्षा दिये प्रैक्टिस के योग्य नहीं होंगे।
होम्योपैथी कालेजों के छात्रों का कहना है कि कोरोना काल में कालेजों के शैक्षणिक सत्र समय पर नही हो पाये है। कई बैच नियमित पढ़ाई में पिछड़ गये। छात्रों का स्पष्ट का कहना है कि राष्ट्रीय निकास परीक्षा (नेक्स) की परीक्षा वर्ष 2023 बैच से ही लागू की जाए। होम्योपैथी का पाठ¬क्रम पूरा करने के बाद इंटर्नशिप करने जा रहे छात्र अनुराग (बदला नाम) का कहना है कि नेशनल कमीशन फ ार होम्योपैथी के अलावा प्रधानमंत्री, आयुष मंत्रालय सहित मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर न्याय देने की मांग की गयी है।
छात्रा शिवांगी (बदला नाम)का कहना है कि जब गजट नवम्बर 2023 से लागू किया जा चुका है, तो पहले बैच से परीक्षा लेना क्यो अनिवार्य किया जा रहा है। यह न्याय संगत नही है। फिलहाल इस परीक्षा को लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है।
जब एमबीबीएस के छात्रों का एक्षित एग्ज़ाम नये बैच से लागू किया गया है तो होमेओपथीक छात्रो के साथ ऐसा पच्पत कियो।