बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से बच्चे बचपन में ही मोटापे का शिकार होते जा रहे हैं। बच्चों का लगातार बढ़ता वजन माता-पिता के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है। विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार आज हमारे देश में एक चौथाई बच्चे और किशोर मोटापे का शिकार हैं। कम उम्र में ही बढ़ता वजन बहुत सी गंभीर बीमारियों को न्योता देता हैं। इससे बच्चे के विकास, दिल, किडनी, घुटनों और अन्य कई महत्वपूर्ण अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। मोटापा इंसान को उम्र से पहले मैच्योर भी दिखाता हैं। यहां तक की कई बार वजनी शख्स को चलने फिरने के लिए भी दूसरे लोगों की मदद की जरूरत पड़ती है।
मोटे होने की वजह –
बच्चों का वजन बढऩे का सबसे बड़ा कारण उनकी बदलती लाइफस्टाइल है। कहीं न कहीं, इसके जिम्मेदार पैरेंट्स खुद हैं। पैरेंट्स का समय पर बच्चों को खाना न देने और पैसे देकर बाहर से कुछ खा लेने की उनकी नसीहत ही बच्चों को मोटापे का शिकार बना रही हैं। माता और पिता, दोनों ही नौकरीपेशा होने की वजह से समय की किल्लत से परेशान रहते हैं, जिसके चलते वह न तो ढंग से बच्चों को खाना खिला पाते हैं और न ही व्यायाम करवाते हैं। वह बच्चों को जंक फूड, तली हुए आहार और बाजारी चीजों का आदी बना डालते हैं।
वहीं टैक्नोलॉजी भी किसी हद तक इसकी जिम्मेदार है। टी.वी., इंटरनैट, वीडियों गेम्स ने बच्चों को इतना सुस्त और आलसी बना दिया है कि वह बाहर जाकर खेलना-कूदना तो भूल ही गए हैं। नतीजा सारा दिन एक जगह पर ही बैठे रहना और बाहर का फ्राई खाना चर्बी को बढ़ाता है जो मोटापा की वजह बनती है। ज्यादा कैलोरी का सेवन और व्यायाम की कमी मोटापे का मुख्य कारण है।
पैरेंट्स उठाएं ये जरूरी कदम –
- बच्चे को फिट एंड फाइन रखने की जिम्मेदारी पैरेंट्स की ही बनती है। उन्हें बाहर का खाना-खिलाने की बजाए घर में ही हर तरह का पौष्टिक आहार खिलाएं और बच्चे के साथ-साथ खुद भी एक्सरसाइज करें। गर्मियों में उन्हें नींबू पानी जरूर दें। इससे उन्हें गर्मी से तो राहत मिलेंगी ही साथ ही में यह चर्बी कम करने में भी मदद करता है।
- हर वक्त कुछ ऊट-पटांग खाते रहने की बजाए उन्हें सही समय अंतराल के अनुसार खाना दें। पैकेट फूड की बजाए घर पर ही उन्हें ताजा खाना बना कर दें। अगर वह चिप्स, वैज कबाब के शौकीन हैं तो उन्हें घर पर ही बना कर दें।
- जंक फूड मोटापे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है। कोल्ड ड्रिंक, जूस, स्पोट्र्स ड्रिंक्स, तली हुई चीज़ें जैसे- चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़, मक्खन और पनीर का अत्यधिक उपयोग, ब्रेड, बिस्कुट, कैंडीज, आइसक्रीम, चॉकलेट, पिज्जा, बर्गर खाने से बच्चों को रोकें
- कम कैलोरी वाले खाने की लिस्ट बनाएं और उसी के अनुसार बच्चे के लिए हैल्दी डाइट चार्ट तैयार करें। हड्डियां मजबूत रखने के लिए दूध और उबला हुआ अंडा जर्दी के बगैर जरूर दें।
- बहुत सारे बच्चे सुबह का नाश्ता नहीं करते लेकिन बच्चों को नाश्ता करने की आदत जरूरत डालें क्योंकि इससे उन्हें एनर्जी मिलती है, जिससे वह सारा दिन चुस्त रहते हैं।रात का खाना खाने के बाद उन्हें हल्की सैर और एक्सरसाइज जरूर करवाएं।
- उनके आहार में मेवे, दूध, सलाद, हरी सब्जियों और फलों को जरूर शामिल करें। मीठी चीजों से परहेज करवाएं।
- उन्हें खूब पानी पीने के लिए बोलें। पानी पीने से शरीर के विषैले और मोटापा बढ़ाने वाले पदार्थ मूत्र राही बाहर निकल जाते हैं। उनकी गतिविधियों पर नजर रखें कि वह कितनी बार शौचालय जाते हैं।
- बैडमिंटन, तैराकी, वॉलीवाल जैसी आउटडोर गेम्स खेलने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे खाया पिया पचता हैं। जमी हुई चर्बी पसीने के राहते बाहर निकलती है।
- आज कल बच्चे टीवी, इंटरनैट और वीडियोगेम्स के साथ चिपके रहते हैं। इसी चक्कर में वह गलत मुद्रा में ही बैठकर खाना खाते हैं और खाने के बाद भी उठते नहीं है। नतीजा बैठकर मोटापा बढ़ता जाता है। टीवी-इंटरनैट देखने के लिए 1 घंटे का समय निर्धारित करें ताकि वह सारा दिन इसी से न चिपका रहें।