-विश्व लिवर दिवस आज
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लखनऊ। रिसर्च के आंकड़ों को देखें तो भारत में हर तीसरा व्यक्तिफैटी लिवर की समस्या से पीड़ित है। इसका बड़ा कारण अनियमित जीवनशैली और खानपान और बढ़ता मोटापा है। फैटी लिवर की समस्या से बचाव के लिए हर किसी व्यक्ति को हरी सब्जी, सलाद और फल का सेवन जरु र करना चाहिए। रोटी और चावल का कम प्रयोग करना चाहिए, इससे लिवर स्वस्थ रहेगा।
यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. सुमित रु ंगटा ने शुक्रवार को विश्व लिवर दिवस की पूर्व संध्या पर रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आईएमए भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। इस मौके पर पीजीआई के डा. गौरव पांडेय और आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मनीष टंडन ने भी लिवर की बढ़ती बीमारी पर प्रकाश डाला। डा. रु ंगटा ने बताया कि हर किसी व्यक्ति को कम से कम एक घंटा व्यायाम करना चाहिए। नाश्ते में ब्रोड मक्खन, टोस्ट आदि के बजाए अंकुरित चना, मूंग आदि खाना चाहिए। प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन करने से लिवर की बीमारी का खतरा भी कम रहता है।
उन्होंने बताया कि हाल में शोधों में निष्कर्ष निकला कि मोटापा होने से फैटी लिवर की समस्या के साथ ही डायबिटीज, बीपी आदि की बीमारी भी बढ़ती है। फैटी लिवर के कारण कोशिकाओं में अतिरिक्त वसा जमा जाता है। इसे मोटे तौर पर दो प्रकारों में बांटा गया है। पहला मेटाबोलिक डिसफंक्शन एसोसिएटेड स्टेटोटिक लिवर डिजीज (एमएएसएलडी) और अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एएफएलडी)। एमएएसएलडी आम समस्या है। यह अक्सर मोटापे, मधुमेह और मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ा होता है जबकि एएफएलडी ज्यादा शराब के सेवन से होता है। पीजीआई के डा. गौरव पांडेय ने बताया कि यदि इलाज न कराया जाए तो फैटी लिवर और भी गंभीर हो सकता है। जैसे लिवर में सूजन (स्टीटो हेपेटाइटिस), फाइब्राोसिस, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर कैंसर होने की आशंका रहती है। इन समस्या को रोकने के लिए शुरु आती पहचान और जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। फैटी लिवर से बचाव के लिए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए। वसा, चीनी और डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना होगा।
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और गेस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डा. मनीष टंडन का कहना है कि फास्ट फूड सबसे बड़ी समस्या है। खासकर बर्गर, मोमो, चाऊमीन, पाश्ता, सोया सॉस, अजीनोमोटो आदि लिवर को बहुत तेजी से प्रभावित करता है। बच्चों को पैकिंग की खाद्य सामग्री, फास्ट फूड देने के बजाए अभिभावकों को ताजे फल, सब्जी, दाल आदि के सेवन की आदत डालनी चाहिए।
लीवर के बेहतर स्वास्थ्य के लिए क्या करें-
-धूम्रपान बंद करना।
-किसी भी बीमारी पर डाक्टर के बताने पर दवा का सेवन करना।
-रोजाना 45 मिनट तक नियमित व्यायाम।
-उम्र, लंबाई के हिसाब से वजन नियंत्रित रखना।
-हर छह माह पर नियमित रूप से एलएफटी जांच करवाना।
-शराब का सेवन सीमित या बंद करना।
-लिवर के उचित कामकाज के लिए पानी का सेवन करना।