लखनऊ। मोटापा कार्डियक ,ब्रोन स्ट्रोक, अनिंद्रा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर की बीमारियां नहीं बढ़ाती है, बल्कि बांझपन का भी कारण बन रही हैं। महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम आैर पुरूषों के अंडाशय में गांठ बन जाती है। वहीं अधिक वजन वाले पुरुषों में स्पर्म आदि की परेशानी होने लगती है । यह जानकारी लोहिया संस्थान में गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंशुमान पांडेय ने दी।
मोटापा दिवस पर बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यशाला में डॉ. अंशुमान पांडेय ने कहा कि करीब 20 प्रतिशत आबादी मोटापे की चपेट में है। मोटापा होने के कारण शरीर पर वसा की परतें जम जाती हैं। यह कई रोगों का कारण बन सकती हैं। अगर कोशिश की जाए तो मोटापे पर शुरुआत में काबू पाना आसान है। लेाग जानने के बाद भी खान-पान पर नियंत्रण नहीं रखते है। नियमित व्यायाम नहीं करते है। देखा गया है कि मोटापे से पीडि़त लोगों में डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ती है। दवा खाने के बावजूद बीमारी काबू में नहीं आती है। डा पांडेय ने कहा कि सौ किलो से अधिक वजन वाले लोगों की सर्जरी करके वजन कम किया जा सकता है। इस तकनीक को बेरियाट्रिक सर्जरी कहते हैं। इस सर्जरी में मरीज के पेट के आकार को छोटा कर देते हैं।
इससे मरीज का पेट कम खाना खाने पर भी भरने का अहसास होता है। छह माह से दो साल के भीतर मरीज के वजन काफी कम हो जाता है। अगर देखा जाए तो मोटापे की वजह से हाई ब्लड प्रेशर व हार्ट की अन्य दिक्कतें लोगों में तेजी से बढ़ रही है। डा. पांडेय ने बताया कि कार्डिंयक बीमारी में हार्ट को ब्लड पहुंचाने वाली धमनियों में वसा जम जाता है। इस कारण अंगों को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता है। इस कारण हार्ट अटैक व हार्ट फेल होने की आशंका बढ़ जाती है। मोटापे में अधिक वजन वाले दम्पत्तियों में बांझपन की आशंका बढ़ जाती है। महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम हो जाता है। अंडाशय में गांठ बन जाती है। वहीं अधिक वजन वाले पुरुषों में स्पर्म आदि की परेशानी हो जाती है अौर दम्पत्ति बांझपन के शिकार हो जाते हैं। शरीर का वजन अधिक होने से उसका भार पैर के जोड़ों पर पड़ता है, जिस कारण घुटने पर असर पड़ता था। जिस कारण घुटने का इलाज या प्रत्यारोपण कराना पड़ता है।