लखनऊ। भगोड़े माफिया दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर की गिरफ़्तारी से सबसे ज्यादा हड़क प यूपी में मचा। यहां के बिल्डर, नेता तो सकते में है ही। साथ ही यूपी की जेलों में बंद बदमाश भी बेचैन हो उठे हैं। पुलिस इकबाल के यूपी कनेक्शन को लेकर बेहद सजग है। यही वजह है कि वह इकबाल के करीबियों के साथ साथ ही इकबाल की भी कुंडली खंगाल रही है।
मुबई से गिर तार रियल स्टेट कारोबारी व डान दाउद इब्राहिम का भाई इकबाल कास्कर को लेकर यूपी की जांच एजेंसी कार्रवाई में जुट गई हैं। अब तक की पूछताछ में इकबाल कास्कर ने यूपी में कई रियल स्टेट कारोबारियों से अपनी नजदीकी का जिक्र किया है। जिसके बाद पुलिस की जांच टीमें भी हैरत में पड़ गई। बताया जाता है कि इकबाल कास्कर का बड़ा पैसा यूपी के रियल स्टेट कारोबार में लगा है। यहां के कई बिल्डर व नेता उसके लिए काम करते हैं। इतना ही यूपी की जेलों में बंद कई माफिया भी इकबाल कास्कर के लिए जेल में बैठे बैठे उसके लिए काम करते हैं। इनमे से इकबाल का सबसे करीबी बांदा जेल में बंद है।
पुलिस टीम जल्द ही बांदा जेल पहुंच कर उस शातिर बदमाश से भी पूछताछ कर सकती है। इसके अलावा पुलिस इकबाल से पूछताछ कर उसके अन्य करीबी लोगों की भी जानकारी जुटा रही है ताकि उन पर शिंकजा सका जा सके। बताया जाता है कि इकबाल ने यूपी के कई नामचीन व बड़े बिल्डरों का नाम पुलिस को बताया है। इसके अलावा यूपी के कई नेताओं से भी उसने नजदीकियां होने की बात कबूल की है। हालांकि पुलिस टीमें अभी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि अभी पूछताछ की जा रही है।
यूपी से लेकर मुबई तक फायनेंशर
इकबाल कास्कर के लिए काम करने वालों की कमी नहीं है। यही वजह है कि उसके रियल स्टेट कारोबार में पैसा लगाने वाले यूपी से लेकर मु बई तक मौजूद हैं। इकबाल कास्कर ने पूछताछ में इस बात का कबूल किया है। उसका कहना है कि उसने सबसे अधिक प्रापर्टी में पैसा यूपी और मु बई में ही लगाया है।
जेल में बंद माफिया करते हैं वसूली
इकबाल कास्कर के लिए यूपी की जेलों में बंद कई बदमाश उसके लिए वसूली का काम करते हैं। ये शातिर अपराधी जेल के अंदर से ही अपने नेटवर्क को वबूखी चलाते हैं और इकबाल को पैसा पहुंचाते हैं। यही वजह है कि इकबाल की गिर तारी के बाद से जेलों में बंद बदमाशों के होश उड़े हुए हैं।
तत्कालीन आईजी ने शासन को भेजी थी रिपोर्ट
1999 से 2011 के बीच कई बार इकबाल कास्कर के यूपी कनेक्शन को लेकर तत्कालीन आईजी ने शासन को रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में यूपी के कई बड़े नेताओं का भी नाम था जो इकबाल के लिए काम करते थे। लेकिन मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते इसे दबा दिया गया था। इकबाल कास्कर के खिलाफ राजधानी लखनऊ में जानलेवा हमला और मारपीट का भी मामला दर्ज हैं।