लखनऊ। प्रदेश में इन दिनों आईपीएस लॉबी के बीच नए डीजीपी को लेकर खासी उत्सुकता बनी हुई है। वहीं सरकार भी इस मसले में खासी माथापच्ची कर रही है। कारण है कि दस दिन बाद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि उनके सेवा विस्तार पर अभी संशय बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश में इन दिनों आईपीएस लॉबी से लेकर पूरे पुलिस महकमे और शासन स्तर पर नए डीजीपी को लेकर खासी उत्सुकता देखने को मिल रही है। हर जगह इसी को लेकर चर्चा चल रही है। प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार बनने के बाद 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया था। शासन की मंशा थी कि प्रदेश में कानून का राज कायम हो सके। लेकिन प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद जिस तरह से अपराध का ग्राफ बढ़ा है उससे कहीं न कहीं डीजीपी सुलखान सिंह की कार्यशैली पर सवालियां निशान लग गया है। सूत्रों का कहना है कि सुलखान सिंह आगामी 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
हालांकि उनके सेवा विस्तार की चर्चांए भी हो रही है। लेकिन अभी इस पर संशय बना हुआ है कि सुलखान सिंह को सेवा विस्तार मिलेगा या प्रदेश को कोई नया डीजीपी मिलेगा। उधर दूसरी तरफ नए डीजीपी को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। नए डीजीपी के लिए अभी सीनियर आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिंह, रजनीकांत मिश्रा और भावेश ङ्क्षसह का नाम सामने आ रहा है। अगर इन तीन नामों पर गौर करें तो सीनियरटी के लिए सबसे पहले प्रवीण सिंह का नाम पहले आता है। लेकिन आईपीएस लॉबी, पीपीएस लॉबी और डिप्टी एसपी लॉबी अपनी पंसद के डीजीपी को लेकर भी जोर आजमाईश में जुटी हुई है।
खुद करनी पड़ रही अपनी पैरवी
ूसूत्र बताते हैं कि वर्तमान पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह से सूबे के मु यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुश नहीं है। हालांकि जब योगी के कहने पर सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया था तब इस बात की भी चर्चा उठ गई थी कि सुलखान सिंह को सेवा विस्तार दिया जाएगा। लेकिन जिस तरह से प्रदेश में बीते महीनों में अपराध बढ़ा है कि उससे सुलखान सिंह की साख को बट्टïा लगा है। यही वजह है कि योगी उनसे खुश नहीं है और उन्हें सेवा विस्तार देने के मूड में भी नहीं है। जबकि सूत्र बताते हैं कि सुलखान सिंह सेवा विस्तार के लिए खुद ही पंचम तल के चक्कर लगा कर अपनी पैरवी खुद कर रहे हैं।