लखनऊ। पीजीआई में गंभीर मरीज को भर्ती के लिए घंटों इंतजार बाद लौटाये जाने पर तीमारदार सोमवार दोपहर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओपीडी पहुंच गये, यहां से उन्हें भर्ती के लिए ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया। आरोप है कि ट्रॉमा सेंटर में मरीज के इलाज में लापरवाही की गयी। इससे नाराज तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे तीमारदारों को तैनात सुरक्षा गार्डो ने रोका, तो उनसे मारपीट शुरू कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शांत कराया। करीब 45 मिनट तक चले हंगामे के कारण अन्य गंभीर मरीजों का इलाज प्रभावित रहा।
जानकारी के अनुसार पारा निवासी लाल बाबू पांडेय (50) को सोमवार सुबह करीब 10 बजे खून की उल्टियां होने लगी, तो तीमारदार उन्हें लेकर उन्हें पहले पीजीआई गये, लेकिन वहां तीन घंटे तक इंतजार बाद मरीज वेंिटग कर दिया आैर केजीएमयू ले जाने को कहा गया। इसको लेकर यहां तीमारदारों की बहस हुई। बताया जाता है कि तीमारदार दोपहर करीब तीन बजे केजीएमयू की ओपीडी पहुंचे। तब तक ओपीडी बंद हो चुकी थी। यहां से उन्हें ट्रॉमा सेंटर भेजा गया।
ट्रॉमा पहुंचते तो दर्जन भर तीमारदारों को अंदर जाने से गार्डो ने रोक दिया, लेकिन आक्रोशित तीमारदार गार्डो से धक्का मुक्की करते हुए अंदर घुस गए आैर उनके रोेकने पर मारपीट करने लगे। इस बीच मरीज के इलाज व लापरवाही का आरोप लगाकर तीमारदारों ने हंगामा शुरू किया। आनन फानन में मरीज को ट्रॉमा सर्जरी रेफर किया गया। डॉक्टरों ने किसी तरह उन्हें शांत कराया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने तीमारदारों को बेहतर इलाज किये जाने का आश्वासन दिया। ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि इलाज में कोई भी लापरवाही नहीं हो रही थी। इमरजेंसी में दर्जन भर तीमारदारों के प्रवेश करने से रोका गया। इसके कारण अन्य गंभीर मरीजेां का इलाज प्रभावित हो रहा था।
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