लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मनचाहे डॉक्टरों की प्रशासनिक पदों पर तैनाती करने के अलावा चिकित्सा व्यवस्था में गड़बड़ी की शिकायतों पर विश्वविद्यालय प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लगाये गये आरोपों पर की गई शिकायत का मुख्यमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया है आैर जवाब तलब कर लिया है।
बताते है कि एक समाजसेवी ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर शासन को लिखित शिकायत की है। लगभग 22 पन्नों के शिकायती पत्र में केजीएमयू प्रशासन पर गंभीर आरोप सबूत भी संलग्न करके भेजे गये है। इस पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिकायत का संज्ञान ले लिया है। पूरे मामले की रिपोर्ट केजीएमयू से तलब कर ली है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय से केजीएमयू को पत्र भेज दिया गया है। 26 मार्च को आईजीआरएस पोर्टल से केजीएमयू प्रशासन को पत्र मिल गया है। रिपोर्ट तलब होने पर केजीएमयू प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई है।
शिकायत पत्र में प्रमुखता से केजीएमयू में घटिया कैल्शियम की गोलियों के खरीदने का डाक्टर द्वारा ही भंड़ाफोड़ करने की जानकारी दी गयी है। इसके साथ ही कैल्शियम के नाम पर मरीजों का खड़िया बांटने जाने का जिक्र पत्र में किया गया है। इसमें सीएम-पीएम फंड से इम्लांट व महंगी दवा खरीद में कमीशनखोरी के आरोप लगे हैं। इसके अलावा चेहते कर्मचारियों को मनमाना वेतन बांटने का भी संगीन आरोप लगे हैं। केजीएमयू में 94 कर्मचारी की भर्ती में धांधली की शिकायत हुई थी। मंडलायुक्त ने मामले की जांच की थी। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी। इसके बावजूद भर्ती प्रक्रिया में शामिल अफसरों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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