लखनऊ। डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं। वह मरीजों की जिंदगी बचाते हैं। मरीजों का इलाज 24 घंटे करने को तत्पर रहते हैं। यह लोग अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हैं। मेडिकल छात्र अपने वरिष्ठ व चिकित्सक शिक्षकों से सबक लें। उनके बताए दिशा निर्देश पर चलकर मरीजों की सेवा करें। यह परामर्श प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कनवेंशन सेंटर में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मेडिविजन आयाम के दो दिवसीय ऑल इंडिया मेडिकल एंड डेंटल स्टूडेंट सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में दिया।
समारोह में सबसे पहले कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज स्नातकोत्तर की दिवंगत छात्रा को श्रद्धांजलि अर्पित दी गयी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मेडिकल संस्थानों में डॉक्टर-कर्मचारियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। यही नहीं मरीज और तीमारदारों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। सीनियर व रेजिडेंट डॉक्टर मेहनत और लगन से मरीजों की सेवा करें, ताकि यूपी में मरीजों को उच्च कोटि की इलाज की सुविधा मिल सके। मरीजों को दूसरे प्रदेशों की ओर रूख करने की जरूरत न पड़े।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों को उपकरणों की खरीद के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया गया है। ताकि आवश्यक उपकरणों के अलावा आधुनिक उपकरणों की बिना रूकावट खरीदारी की जा सके।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था उसकी संस्कृति से जुड़ी होनी चाहिए। यहां हर जाति आैर वर्ग के लोग निवास करते है। यहां विविधता में एकता है।
राष्ट्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि मेडिडिवीजन के कार्यकर्ताओं ने हमेशा से ही चिकित्सा के क्षेत्र में अपना सम्पूर्ण समर्पण देकर समाज की मदद की है।
मेडिविजन के राष्ट्रीय संयोजक डा.अभिनंदन बोकरिया ने कहा कि हमने कोरोना काल में भी विश्व बंधुत्व की भावना को चरितार्थ करते हुए लोगों को उनकर विसंगतियों से निकाला है। कार्यक्रम का संचालन मेडिविजन केजीएमयू इकाई की प्रमुख डा.शिवली राठौर ने कि या। कार्यक्रम में नेपाल के मेडिकल के तमाम छात्र मौजूद थे।