लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने आखिरकार प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर को निष्कासित कर दिया है। प्रशासन ने रेजिडेंट डॉक्टर के निष्कासन का आदेश जारी कर दिया है।
बताते चले कि लखीमपुर खीरी के महराजनगर निवासी पूनम मौर्य (32) आशा कार्यकर्ता के पति सुरेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि उसकी आवाज में भारीपन आ गया था।
उसे सितंबर माह में केजीएमयू के ईएनटी विभाग में रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार देखा था। यहां पर जांच के बाद डॉ. रमेश ने गले में मस्सा बताते हुए सर्जरी कराने के लिए परामर्श दिया था। डॉ. रमेश ने खदरा स्थित केडी अस्पताल में जल्दी सर्जरी करने की बात कही थी। उसकी बात पर मरीज को 25 अक्तूबर को केडी अस्पताल में भर्ती करा कर सर्जरी की गयी। इसके बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। आनन-फानन मरीज को केजीएमयू ले गए थे, जहां मरीज को शताब्दी अस्पताल के वेंटिलेटर यूनिट में भर्ती किया गया था। बीते शनिवार को महिला मरीज की मौत हो गई थी।
महिला मरीज की मौत के बाद केजीएमयू के डॉक्टर व प्राइवेट प्रैक्टिस का एक बार फिर खुलासा हुआ था। इससे केजीएमयू के दावों की धज्जियां उड़ गयी। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने सीएमएस डॉ. बीके ओझा की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी। इसमें चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार, प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव, ईएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपम मिश्र व कुलसचिव के सदस्य कमेटी में थे। जांच में निलंबित रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार को दोषी मानते हुए केजीएमयू से निष्कासित कर दिया है।